गुरुग्राम : जब एक को दूसरे का सहारा मिलने लग जाए तो बड़े से बड़ा कार्य भी आसान नज़र आता है। इसी साथ से हर कोई अपनी-अपनी मंजिल पा लेता है। इसी वाक्य को आत्मसात करते हुए श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति एवं हरियाणा स्कील डवलेपमेंट मिशन के निदेशक राज नेहरू ने हरियाणा सरकार के एक करोड़ मास्क मिशन से जुड़ने एवं 20 लाख मास्क बनाने का निर्णय लिया एवं विमुक्त घुमन्तु जनजाति कल्याणा संघ भी इस अभियान में साथ जुड़ा। यह काम इतना आसान नहीं था, कोविड‘-19 महामारी के दौरान जहां हर कोई चिंतिंत है कि किस प्रकार से समाज, राज्य एवं राष्ट्र को सुरक्षित रखा जाएं। कोविड -19 महामारी में मास्क बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है, मास्क पहनकर संक्रमण से काफी हद तक बचा जा सकता है।
कोविड़-19 के संक्रमण से बचाने एवं राज्य के नागरिकों को सुरक्षा कवच प्रदान करने हेतु एसवीएसयू के कुलपति राज नेहरू ने एसवीएसयू, एचएसडीएम एवं विमुक्त घुमन्तु जनजाति कल्याण संघ के साथ मिलकर प्रदेश में अलग-अलग टीमों का निर्माण किया जो हैंड मेड मास्क बनाये एवं उन्हें धो कर सैनेटाइज करके दोबारा प्रयोग में लाया जाए। इसी कड़ी में पलवल की टीम ने जिसमें डिप्टी रजिस्ट्रार डॉ. ललीत कुमार शर्मा, ओएसडी टू वीसी संजीव तायल, सेक्रेटरी टू वीसी अनिल जॉगिड, किशोर कुमार, एचएसडीएम, बाल गोपाल, ब्रहमजीत, ब्रहमानंद ने रात-दिन एक कर अपने साथ ग्राम पंचायत, गांव के व्यक्ति, सामाजिक संस्थाएं, एनजीओ, शिक्षक एवं विद्यार्थियों को साथ जोड़ा एवं घर पर मास्क बनाने का कार्य शुरू किया। देखते ही देखते कृष्णा कॉलोनी पलवल ने 5 हजार हैंड मेड मास्क बनाकर इस टीम को दिये।
टीम ने भी लोगों को लुभाने के लिये अनोखा तरीका अपनाया हुआ है। यह टीम गली-गली, महोल्ले एवं गांव जाकर नुक्कड़ सभाएं करती है, फिर हेंड मेड मास्क के फायदे बताती है एवं उपस्थित सभी को मास्क वितरित कर उन सबके साथ में जुड़ने या पांच मास्क बनाने एवं पांच मास्क किसी जरूरतमंद को देने की बात करते हैं। इन्ही नुक्कड़ सभाओं से इस टीम के साथ पलवल एवं आसपास के कई गांव भी जुड गए हैं, जिसमें धतीर, दूधौला, मोहन नगर, कैलाश नगर, आदर्श नगर आदि शामिल है। मेहनती टीम ने मेवात के रीवासन गांव में भी एसवीएसयू के स्टाफ सदस्य शकील अहमद के सहयोग से नुक्कड़ सभा का आयोजन किया, जिससे काफी सराहना मिली एवं मेवात के व्यक्ति भी हैंड़ मेड़ मास्क बनाने में आगे आये हैं। कृष्णा कॉलोनी पलवल के एक एनजीओ गायत्री महिला विकास समिति भी मास्क बनाने में अपना संपूर्ण सहयोग दे रही हैं। टीम का कहना है कि सिलाई मशीन स्वदेशी आंदोलन में महात्मा गांधी के चरखे की तरह ही, सिलाई मशीन से हेंड मेड मास्क बनाओं, यह अभियान में सुरक्षा कवच का प्रतीक है। इस अभियान का आदर्श वाक्य है – एक सुरक्ष कवच, एक जीवन बचाओ। एक सिलाई मशीन, एक सेवक और क्लॉथ का एक टुकड़ा कॉविड़-19 पर विजय प्राप्त करेगा।
विश्वविद्यालय के कुलपति राज नेहरू ने सुरक्षा कवच के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह प्रमाणित भी हो गया है कि हैड़ मेड़ मास्क सुरक्षित एवं स्वास्थ्य के लिये बेहतर हैं। इसीलिए हमने निर्णय लिया कि इस अभियान में हर किसी को साथ जोड़कर चलना है, साथ जोड़ने से अभिप्राय है कि सभी को मास्क प्रदान करना है, ताकि वह खुद के जीवन के साथ दूसरों के स्वास्थ्य की चिंता करें एवं साथ ही उनको जागरूक करना है कि वह प्रदेश की इस मुहिम में साथ दे, ताकि जल्दी से जल्दी हम कॉरोना पर विजय प्राप्त कर सकें। कुलपति श्री राज नेहरू ने कहा कि प्रत्येक जिला स्तर पर सखा अभियान अब जन आंदोलन बन गया है, विद्यार्थी, शिक्षक एवं आमजन घर पर मास्क बनाने में जुटा हुआ है एवं सखा मिशन टीम का सहयोग कर रहा है।
दूरदर्शन के कैमरा मैन मोरमुकुट शर्मा को अपनी बेहतर रचनात्मकता के लिये भारत के राष्ट्रपति से बेहतर रिपोर्टिंग के लिये रामनाथ गोयनका अवार्ड मिल चुका है, जब उसे श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की सुरक्षा कवच स्कीम का पता लगा तो वह भी इससे जुड़ गया एवं मास्क बनाने में सहयोग देना शुरू किया।
बॉक्स स्टोरी – गांव हाजीपुर, सोहना की रहने वाली 12 वर्षिय गरिमा, लाइलाज आनुवांशिक बीमारी मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित हैं। इस प्रकार की लाइलाज बिमारी से पीड़ित होने पर भी गरिमा ने लोगों को सुरक्षित रखने के लिए 50 सुरक्षा कवच बनाएं है। गरिमा का कहना है कि वह समाज के हर व्यक्ति को सुरक्षित देखना चाहती है। राष्ट्र सेवा में इस बच्चे का योगदान बहुमूल्य, अनमोल है। यह बच्ची एक बहादुर सैनिक के रूप में सामने आई एवं काफी बच्चों के प्ररेणा का स्त्रोत बनी है। यह बहुत प्रेरणादायक और दिल को छूने वाला है।
सुरक्षा कवच में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने में बिमला देवी बामणी खेरा, सरोज बाला, श्री अशोक कुमार, उषा अग्रवाल, आरती, रेणु बाला, करिश्मा, किरण मयंक भारद्वाज, महेश, महेन्द्र शर्मा, रिंकू, पंकज शर्मा, भूपेश, अतुल, सतीश, गणेश दत्त, ब्रह्मानंद, गोपाल भारद्वाज, सतीश, योगेश, रिंकू, श्री राम, परवीन कुमार, अश्वनी कुमार, गायत्री, लाल चंद, सरपंच दुधौला, सरपंच ददोता पूनम, सरपंच दतीर, सरपंच रोनीजा, श्री सत्य देव गौतम, सरपंच भिडुकी, बाल गोपाल, इंद्रजीत, ब्रह्मजीत, सुंदर, विनोद जेई, किशोर कुमार, सागर, हरि मोहन रोनिजा, रवि, मयंक भारद्वाज, महेश शर्मा, महेन्द्र शर्मा, रिंकू, पंकज शर्मा, भूपेश, अतुल, सतीश, मीनाक्षी, कनिष्का, अंजु देवी, रिंकु, महेन्द्र शर्मा, नेहा, नीशु आदि अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।