नई दिल्ली। केन्द्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने आज कोविड-19 के खिलाफ भारत की जंग और लॉकडाउन पश्चात एक्जिट प्लान के रास्ते तलाशने के बारे में पूर्व नौकरशाहों के साथ व्यापक विचार विमर्श किया। बैठक में शामिल होने वाले अधिकतर रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट्स ने चरणबद्ध तरीके से लॉक डाउन समाप्त करने का सुझाव दिया।
सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारियों सुधीर भार्गव , राम सुंदरम, राकेश कुमार गुप्ता, सत्यानंद मिश्रा, पी.पन्नीरवेल और के वी इपेन, और पूर्व आईआरएस अधिकारियों संगीता गुप्ता, शीला सांगवान के साथ एक-डेढ़ घंटे की वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान डॉ.जितेंद्र सिंह ने उन्हें महामारी से निपटने के लिए सरकार द्वारा प्रभावी तरीके से किए गए अब तक के प्रयासों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत ने इस महामारी पर काबू पाने के लिए अपने अग्रसक्रिय उपायों के माध्यम से दुनिया के कई उन्नत देशों से बेहतर प्रदर्शन किया है।
अधिकारियों ने महामारी को रोकने के लिए विभिन्न उपायों के माध्यम से किए गए सरकार के प्रयासों की सराहना की और अर्थव्यवस्था को पुन: पटरी पर लाने के लिए संभावित लॉकडाउन पश्चात एक्जिट प्लान के बारे में भी अपने विचार साझा किए। वीडियो कॉन्फ्रेंस में हुए विचार विमर्श के दौरान अधिकारियों ने चरणबद्ध रूप से लॉकडाउन समाप्त करने, प्रशासन में प्रौद्योगिकी का अधिक उपयोग करने अर्थात ई-ऑफिस, विटामिन-सी के सेवन के जरिए प्रतिरक्षा बढ़ाने के महत्व, अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए राजकोषीय प्रोत्साहन, गरीबों को वित्तीय सुरक्षा, शैक्षणिक वर्ष का उपयोग करने के लिए अधिक ऑनलाइन पाठ्यक्रम और परीक्षा शुरू करने, प्रवासी कामगारों को उनके मूल स्थानों तक पहुंचने में सहायता करने, मेक इन इंडिया अवधारणा को प्रोत्साहन देते हुए स्वदेशी तकनीक से वैक्सीन और परीक्षण किट के विकास जैसे मामलों को भी रेखांकित किया।
डॉ.जितेंद्र सिंह ने इस विषय पर बहुमूल्य सुझाव देने के लिए नौकरशाहों का आभार प्रकट किया और कहा कि कोरोना महामारी के खतरे से लड़ने के लिए सभी वर्गों से ज्ञान प्राप्त करने के लिए भविष्य में भी इस तरह का सम्पर्क जारी रहेगा।