नई दिल्ली । देश में कोरोना संकट की रोकथाम के लिए जारी लॉक डाउन से उत्पन्न आर्थिक स्थिति को गति देने के लिए आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज बडी घोषणा की. उन्होंने बड़े आर्थिक निवेश के साथ रिवर्स रेपो रेट में भी 25 बेसिस पॉइंट कम करने का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि हमारी नजर वित्तीय हालत पर है।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि देश की वित्तीय हालत पहले से बिगड़ी हुई है। वित्तीय नुकसान कम हो यह हमारी कोशिश है। उनका कहना है कि कोरोना लॉक डाउन की वजह से देश की जीडीपी की रफ्तार 1.9 रहेगी। उनके अनुसार जी 20 देशों में यह सबसे बेहतर स्थिति है। उनका कहना है कि दुनिया में 9 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान होने की आशंका है।
गवर्नर के अनुसार मार्च 2020 में निर्यात में भारी गिरावट आई लेकिन विदेशी मुद्रा भंडार 476 अरब डॉलर का है जो अगले 11 महीने के आयात के लिए पर्याप्त है। उनका आकलन है कि दुनिया में कच्चे तेल के दाम लगातार घटने भारत को फायदा हो सकता है।
उन्होंने कहा कि कोरोना लॉक डाउन की वजह से देश की अर्थव्यवस्था की हालत काफी खराब है। लॉकडाउन की वजह से लगभग सभी तरह के काम-धंधे बंद पड़े हैं और हर दिन 35 हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है। लॉकडाउन के पहले चरण में ही देश की जीडीपी को करीब 8 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।
आरबीआई गवर्नर ने क्या घोषणा की ?
– रिवर्स रेपो रेट में .25 प्रतिशत की कटौती
– रिवर्स रेपो रेट को 0.25 प्रतिशत घटाकर 3.75 प्रतिशत किया
– रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं
– नाबार्ड को 50 हजार करोड़ रुपये देने की घोषणा
– छोटो मध्य वित्तीय संस्थानों को लिए 50 हजार करोड़ रुपये
-कमर्शियल रियल्टी प्रोजेक्ट लोन को 1 साल का एक्सटेंशन दिया जाएगा
-बैंक मुनाफे से अगले आदेश तक डिविडेंड नहीं
-नगदी बढ़ाने के लिए GDP के 3.2 प्रतिशत के बराबर नकदी सप्लाई की गई
-लॉकडाउन के कारण पावर डिमांड 25-30 फिसदी घटी
-नकदी संकट दूर करने के लिए बैंक की तरफ से बाजार में 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश