“ चिटफंड घोटाला करने वाले अब मेरे खिलाफ ”
भाजपा पतिवर्तन रैली में ममता पर बरसे पीएम
आगरा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने उन विरोधियों पर करार प्रहार किया जो 500 व 1000 के नोट बंद करने पर इनके खिलाफ खड़े हो गए हैं. उन्होंने बेहद सख्त लहजे में उन्हें यह कह कर धिक्कारा कि करोड़ों रुपए के चिटफंड घोटाले के पीछे जिन नेताओं का हाथ रहा है, वे अब उन पर हमला इसलिए बोल रहे हैं क्योंकि दोनों नोट बंद करने से उन्हें करारी चोट पड़ी है. समझा जाता है कि मोदी की यह टिप्पणी को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सन्दर्भ में है. पीएम ने आज कांग्रेस को भी आड़े हाथ लिया. उन्होंने कहा कि पिछले 70 सालों की सरकारें काले धन पर चुप रहीं. उन्हें सत्ता से हाथ धो बैठने का डर था.
भाजपा की परिवर्तन रैली में एकत्रित अपार जनसमूह को संबोधित करते हुए मोदी ने आज साफ तौर पर जन धन खाताधारकों को आगाह किया कि वे अमीरों को अपने खाते का दुरूपयोग नहीं करने दें. उन्होंने कहा कि वे काले धन वाले अमीरों के झांसे में नहीं आयें. इस बात को दोहराया कि गलत तरीके से कमाए पैसे काले से सफेद करने के लिए अपना इस्तेमाल नहीं होने दें, क्योंकि ऐसा करने से वे गैर-जरूरी तरीके से कानूनी दावपेंच में फंस जाएंगे.
मोदी ने आज फिर कहा कि मैं जानता हूं कि नोट बंद करने से किस तरह के लोग मेरे खिलाफ आवाज उठा रहे हैं. उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा कि क्या देश को पता है कि चिटफंड कारोबार में किनके पैसे निवेश किए गए थे ? लाखों-करोड़ों आम आदमी ने चिटफंडों में धन का निवेश किया. लेकिन कुछ नेताओं की कृपा से करोड़ों करोड़ रुपए गायब हो गए. प्रधानमंत्री ने कहा कि चिटफंड से हुए नुकसान के कारण सैकड़ों परिवार के मुखिया को खुदकुशी करने के लिए मजबूर होना पड़ा. उन्होंने बल देते हुए कहा कि ऐसे लोग इतिहास पर नजर डालें. वे मुझ पर सवाल उठा रहे हैं. उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल की सीएम ममता मोदी के नोटबंदी के फैसले के खिलाफ इन दिनों विपक्षी नेताओं को लामबंद करने में जुटी हैं.
हालाँकि प्रधानमंत्री ने भाषण में किसी नेता का नाम नहीं लिया लेकिन उनका शब्दों के तीर पूरी तरह ममता की दिशा में ही जाते दिखे. क्योंकि पश्चिम बंगाल में चिटफंड घोटालों से जुड़े मुकदमों में तृणमूल कांग्रेस के कुछ नेता आरोपों से घिरे हैं.
मोदी ने यह कहते हुए आलोचना की कि पिछली सरकारों ने काले धन पर लगाम लगाने के लिए कोई कदम नहीं उठाए क्योंकि उन्हें देश से ज्यादा चिंता सत्ता से हाथ धो बैठने की थी. कांग्रेस पर परोक्ष हमला बोलते हुए मोदी ने कहा कि देश कब तक चुप रहेगा ? वे (पिछली सरकारें) 70 साल तक चुप रहे. ऐसा नहीं है कि उन्हें इस बीमारी के बारे में पता नहीं था. उन्हें देश की कम और सत्ता की ज्यादा चिंता थी. इसलिए वे (इस पर लगाम लगाने के लिए) कोई कदम उठाने के लिए तैयार नहीं थे.
मोदी ने कहा कि एक तरफ सीमा पार से फैलाए जाने वाले आतंकवाद से थलसेना के जवान मारे जाते हैं और दूसरी तरफ आर्थिक आतंकवाद देश के युवाओं और अर्थव्यवस्था को विनाश की तरफ धकेल रहा है. प्रधानमंत्री ने कहा कि जाली नोट देश में भेजे जा रहे हैं. लेकिन अब नोटबंदी के कारण ड्रग्स एवं अन्य मादक पदार्थों का कारोबार ठहर सा गया है.
उन्होंने कहा कि नोटबंदी के कारण जाली भारतीय मुद्रा के कारोबार को बड़ा झटका लगा है. सरकार के 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट बंद किए जाने के फैसले का हवाला देते हुए मोदी ने कहा कि यह फैसला लोगों को परेशान करने के लिए नहीं, बल्कि गरीबों, उपेक्षित लोगों और ईमानदार लोगों की मदद के लिए किया गया. उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अपने जन धन खातों का इस्तेमाल भ्रष्ट लोगों द्वारा नहीं होने दें.
मोदी ने कहा कि मैं आपसे अनुरोध करने आया हूं. ये भ्रष्ट लोग काफी धूर्त होते हैं. वे आपके पास आकर आपके खाते में ढाई लाख रुपए जमा कराने की बात कह सकते हैं. वे आपसे कह सकते हैं कि छह महीने बाद मुझे इसमें से दो लाख रुपए लौटा देना और आपको बाकी 50,000 रुपए की पेशकश करेंगे. लेकिन कृपया इन लोगों को आपका फायदा नहीं उठाने दें. प्रधानमंत्री ने कहा कि कानून बहुत सख्त है. भ्रष्ट लोग कहेंगे कि यह मेरे पैसे नहीं हैं और जिनके खाते में पैसे जमा हैं, वे जवाबदेह हैं. गरीबों को गैर-जरूरी कानूनी पचड़ों में पड़ना होगा. मैं नहीं चाहता कि मेरे भाई-बहनों को कोई समस्या हो.