नई दिल्ली : नई दिल्ली में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने संयुक्त प्रेसवार्ता को संबोधित किया. द्विपक्षीय वार्ता के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आतंक के समर्थकों को जिम्मेदार ठहराने के लिए आज हमने अपने प्रयासों को और बढ़ाने का निश्चय किया है. President Trump ने ड्रग्स और ओपी-ऑयड crisis से लड़ाई को प्राथमिकता दी है। आज हमारे बीच Drug trafficking, narco–terrorism और organized crime जैसी गम्भीर समस्याओं के बारे में एक नए mechanism पर भी सहमति हुई है.
पिछले तीन वर्षों में हमारे द्विपक्षीय व्यापार में double-digit growth हुई है, और वह ज्यादा संतुलित भी हुआ है. राष्ट्रपति ट्रम्प और उनके डेलीगेशन का भारत में एक बार फिर हार्दिक स्वागत है। मुझे विशेष ख़ुशी है की इस यात्रा पर वो अपने परिवार के साथ आए हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि महीनों में राष्ट्रपति Trump और मेरे बीच ये पाँचवी मुलाक़ात है. कल मोटेरा में राष्ट्रपति Trump का unprecedented और Historical Welcome हमेशा याद रखा जाएगा । कल ये फिर से स्पष्ट हुआ कि अमेरिका और भारत के संबद्ध सिर्फ दो सरकारों के बीच नहीं हैं, बल्कि People-driven हैं, People-centric हैं.
मोदी ने कहा कि कुछ ही समय पहले स्थापित हमारी Strategic Energy Partnership सुदृढ़ होती जा रही है। और इस क्षेत्र में आपसी निवेश बढ़ा है। तेल और गैस के लिए अमेरिका भारत का एक बहुत महत्वपूर्ण स्त्रोत बन गया . Industry 4.0 और 21st Century की अन्य उभरती टेक्नालजीज़ पर भी इंडिया-US partnership, innovation और enterprise के नए मुक़ाम स्थापित कर रही है।
उनका कहना था कि भारतीय professionals के टैलेंट ने अमरीकी companies की टेक्नॉलजी leadership को मजबूत किया है. यह संबंध, 21वीं सदी की सबसे महत्वपूर्ण पार्टनरशिप्स में है। और इसलिए आज राष्ट्रपति Trump और मैंने हमारे सम्बन्धों को Comprehensive Global Strategic Partnership के स्तर पर ले जाने का निर्णय लिया है. वैश्विक स्तर पर भारत और अमरीका का सहयोग हमारे समान लोकतांत्रिक मूल्यों और उद्देश्यों पर आधारित है।
मोदी ने जोर देते हुए कहा कि ख़ासकर Indo-Pacific और global commons में Rule based international order के लिए यह सहयोग विशेष महत्व रखता. भारत और अमरीका की इस स्पेशल मित्रता की सबसे महत्वपूर्ण नींव हमारे people to people relations हैं। चाहे वो professionals हों या students, US में Indian Diaspora का इस में सबसे बड़ा योगदान रहा है.