दौड़ना लोगों का मूलभूत अधिकार : सुप्रीम कोर्ट

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20 नवंबर को दिल्ली हाफ मैराथन स्थगित करने से इनकार 

नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण के कारण 20 नवंबर को निर्धारित दिल्ली हाफ मैराथन को स्थगित करने से उच्चतम न्यायालय ने इनकार कर दिया. न्यायालय ने कहा कि ‘दौड़ना लोगों का मूलभूत अधिकार है. न्यायाधीश टीएस ठाकुर और न्यायाधीश ए आर दवे ने कहा कि अदालत लोगों को यह नहीं कह सकती कि वे दौड़ें नहीं या जो काम वे करना चाहते हैं उसे न करें.

एक अधिवक्ता ने दायर की थी याचिका 

एक अधिवक्ता द्वारा यह मामला उठाए जाने और हाफ मैराथन को स्थगित करने का निर्देश दिए जाने की अपील करने पर पीठ ने कहा कि दौड़ना लोगों का मूलभूत अधिकार है।. हम उन्हें रोक नहीं सकते. हम इस संबंध में कुछ नहीं कह सकते. यदि कुछ लोग दौड़ना चाहते हैं तो हम उन्हें रोक नहीं सकते. अधिवक्ता ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण की समस्या एक गंभीर मुद्दा है, विशेष रूप से बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए और अदालत को स्थिति में सुधार तक इसे स्थगित कर देना चाहिए.

 

उन्होंने कहा कि हम इस पर स्थगनादेश या इसे रद्द करने को नहीं कह रहे हैं. हम केवल इतना कह रहे हैं कि मेहरबानी करके इसे दिल्ली में हवा की गुणवत्ता में सुधार तक स्थगित कर दीजिए. वायु प्रदूषण के कारण बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों पर असर पड़ेगा.

 

इस पर प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि तब कल को आप यह कहेंगे कि लोगों को वायु प्रदूषण के कारण अपना कामकाज बंद कर देना चाहिए. इस प्रकार नहीं किया जा सकता. यदि आज हम लोगों को दौड़ने से रोक दें तो कल आप कहेंगे कि हमें लोगों को पार्कों में चलने से रोक देना चाहिए.

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