चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में सेवा के दौरान मृत्यु को प्राप्त हुए या लापता हुए सरकारी कर्मचारियों के परिवार के सदस्यों के लिए हरियाणा सिविल सेवाएं (अनुकंपा वित्तीय सहायता या अनुकंपा नियुक्ति) नियम, 2019 के नाम से नई एक्स-ग्रेशिया स्कीम को स्वीकृति प्रदान की गई। नई योजना पहली अगस्त, 2019 से घटनोत्तर लागू होगी।
नई योजनाओं में, ग्रुप-सी या डी के पद पर अनुकंपा नियुक्ति या मृतक कर्मचारी की आयु के आधार पर 15/12/7 वर्ष की अवधि के लिए मासिक वित्तीय सहायता की अनुमति दी गई है। नई योजना के तहत अनुकंपा नियुक्ति दी जा सकेगी, बशर्ते कि मृतक कर्मचारी की आयु 52 वर्ष से अधिक न हो। उसने न्यूनतम 5 साल की नियमित सेवा पूरी कर ली हो और अनुकंपा नियुक्ति मृतक कर्मचारी द्वारा धारण किए गए अंतिम वेतनमान से कम वेतनमान वाले ग्रुप-सी या डी पद पर दी जाएगी।
जो सरकारी कर्मचारी बहादुरी और असाधारण साहस का प्रदर्शन करते हुए कार्यवाही में मारा गया हो, उसका परिवार 52 वर्ष की आयु या न्यूनतम 5 साल के सेवाकाल की शर्त के बिना अनुकंपा वित्तीय सहायता और अनुकंपा नियुक्ति, दोनों का लाभ उठाने का पात्र होगा।
मृतक सरकारी कर्मचारी के परिवार हेतु अनुग्रह अनुदान 25,000 रुपये से बढ़ाकर 1.00 लाख रुपये किया गया है, जोकि पिछले 30 वर्षों से संशोधित नहीं किया गया था।
मकान किराया भत्ता या सरकारी आवास की अनुमति एक वर्ष के बजाय दो वर्ष की अवधि के लिए दी गई है। अन्य लाभ अर्थात 10+2 तक बाल शिक्षा भत्ता, स्नातक तक की ट्यूशन फीस और निर्धारित चिकित्सा भत्ता अपरिवर्तित रहेंगे।
लापता सरकारी कर्मचारी का परिवार अब प्राथमिकी दर्ज होने की तिथि से केवल छह महीने बाद अनुकंपा वित्तीय सहायता का लाभ पाने का हकदार होगा।
पूर्ववर्ती प्रावधान के अनुसार संशोधित योजना के तहत ग्रुप-सी या डी के मृतक कर्मचारियों के सभी ऋण और अग्रिम राशि भी माफ की जाएगी।
लंबित मामलों, जहां परिवार ने पुराने नियमों के तहत कोई लाभ नहीं लिया है, में 2019 की नई योजना या 2006 की पुरानी योजना के तहत लाभ लेने का विकल्प होगा।
सरकारी कर्मियों के लिए हरियाणा सरकार की घोषणा ……
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