सतलुज यमुना लिंक नहर मामला
चंडीगढ़ : सतलुज यमुना लिंक नहर मामले में पंजाब सरकार ने फिर एक नया सगुफा छोड़ा है. इस बार पंजाब विधान सभ से एक प्रस्ताव पारित कर हरियाणा व राजस्थान से अब तक पानी उपयोग करने के लिए बिल भेजने व वसूलने का निर्णय लिया है. इससे पूर्व सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बड़ा पंजाब को बड़ा झटका लगा था. सुप्रीम कोर्ट की सवैधानिक पीठ ने अपने आदेश में साफ कर दिया था कि पंजाब को इस ममाले में एकतरफा कानून बनाने का कोई अधिकार नहीं है. सतलुज-यमुना लिंक पर निर्माण कार्य जारी रहेगा. उल्लेखनीय है कि २००६ में भी पंजाब सरकार ने एक प्रस्ताव पारित कर एस वाई एल नहर के समझौते को रद्द करने की एकतरफा घोषणा की थी.
खबर है कि पुनः पंजाबा सरकार के मुखिया प्रकास सिंह बादल के नेतृत्व में एक प्रस्ताव पंजाब विधानसभा से पारित किया गया है. इस प्रस्ताव के नुसार १९६० से अब तक किये गए जल उपयोग के बिल हरियाणा व राजस्थान को भेज कर उनसे पैसे की मांग की जाएगी.
अगुर्तलब है कि पंजाब सरकार का यह कदम कोर्ट के हाल के फैसले के सन्दर्भ में डैमेज कंट्रोल माना जा रहा है. इस पर हरियाणा के मुख्या मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि इस तरह के प्रस्ताव का कोई मतलब अब नहीं रह जाता है. २००६ में भी उन्होंने प्रस्ताव पारित किया था जिसे सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक घोषित कर दिया है. अब मामला राष्ट्रपति के पास है. इसलिए कानून सम्मत जो कदम होगा हम उठायेंगे.
उन्होंने दोहराया की हरियाणा को उसका हक़ मिलेगा. गौर्ताला है कि कोर्ट के फैसले खिलाफ पंजाब कांग्रेस के विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था. पंजाब कांग्रेस के प्रमुख कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने की घोषणा की थी.
सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने यह फैसला सुनाया था. जल बंटवारे को लेकर इस विवाद में पंजाब और हरियाणा अक्सर आमने सामने हो जाता है. दोनों राज्यों के राजनितिक दल इसको लेकर राजनीती चमकाते रहे हैं. पंजाब ने वर्ष 2006 में विधान सभा में एक तरफ़ा कदम उठाते हुए इस फैसले को रद्द कर दिया गया था।
कोर्ट ने कहा था कि समझौता रद्द करने का अधिकार पंजाब को नहीं है. न्यायमूर्ति ए आर दवे की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय एक संविधान पीठ ने 12 मई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. दरअसल, केंद्र ने 2006 के अपने रूख को कायम रखा था जिसके तहत कहा गया था कि संबद्ध राज्यों को खुद से इस विषय पर अपने विवादों को सुलझाना चाहिए.