नई दिल्ली। दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि “केंद्र सरकार दिल्ली में जानबूझ कर प्याज का संकट खड़ा कर रही है।
दिल्ली सरकार प्याज मांग रही है लेकिन केंद्र सरकार प्याज़ दे नहीं रही, केंद्र सरकार ने दिल्ली को प्याज़ देना बिल्कुल बंद कर दिया है”।
श्री सिसोदिया ने पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि मैं केंद्र सरकार से पूछना चाहता हूँ , केंद्र ने दिल्ली को प्याज़ देना क्यों बंद कर दिया ? दिल्ली सरकार रोजाना आप से 10 गाड़ी प्याज़ मांग रही है लेकिन आप क्यों नहीं दे रहे हो? आप प्याज़ सड़ाने के लिए तैयार हो लेकिन दिल्ली को देने के लिए तैयार नहीं, इसकी क्या वजह है ?
उन्होंने बल देते हुए कहा कि “हमनें केंद्र सरकार को 9 दिसंबर तक रोजाना प्याज़ के 10 ट्रक मांगे थे, 10 गाड़ी प्याज़ का मतलब 2.50 लाख किलों प्याज़ रोज़ाना।
सिसोदिया ने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार का कहना था हमारे पास 56,000 मीट्रिक टन प्याज़ है, इसके बावज़ूद हमें कभी भी 10 गाड़ी प्याज़ नही दिया गया”।
उन्होंने पत्रकारों को बताया कि “केंद्र सरकार ने 5 सितंबर को चिट्ठी लिखी थी उनके पास 56 हज़ार मीट्रिक टन प्याज़ है और दिल्ली सरकार ले सकती है, हमने कहा कि हम 20 ट्रक प्याज़ प्रति दिन ले सकते हैं और जनता को सस्ते दामों पर प्याज़ दे सकते हैं जिससे प्याज़ की कालाबाज़ारी करने वालों पर रोक लगा सकें”।
उन्होंने कहा कि “24 नवंबर को प्याज की आखरी गाड़ी दिल्ली आई थी, जिसमें 13-14 हजार किलो ही प्याज था, उसके बाद प्याज नहीं आ रहा। मैं केंद्रीय खाद्य मंत्री @irvpaswan से मिलने का समय मांगा, अभी तक उन्होंने समय नहीं दिया”।
डिप्टी सीएम के साथ दिल्ली के खाद्य मंत्री इमरान हुसैन ने आरोप लगाया कि “केंद्र सरकार खुद चाहती है की दिल्ली में प्याज की कीमत बढ़े”।