नई दिल्ली : भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने लोकसभा में बुधवार को अपनी विवादास्पद टिप्पणी पर विपक्षी दलों के बिना शर्त माफी मांगने पर जोर देने के बाद शुक्रवार को सदन में दोबारा बयान दिया और कहा कि उन्होंने नाथूराम गोडसे को देशभक्त नहीं कहा था लेकिन फिर भी किसी को ठेस पहुंचती हो तो वह क्षमा चाहती हैं । भोपाल से लोकसभा सदस्य प्रज्ञा सिंह ठाकुर की बुधवार को लोकसभा में की गयी टिप्पणी को लेकर उनसे माफी मांगने की मांग करते हुए विपक्षी सदस्यों ने शुक्रवार को सदन में भारी हंगामा किया। इससे पहले प्रज्ञा ने शून्यकाल के दौरान इस विषय पर सदन में माफी मांगी थी और साथ ही कहा कि उनके बयान को ‘‘तोड़-मरोड़कर पेश किया गया’’।
हालांकि प्रज्ञा के माफी वाले बयान पर विपक्षी दल संतुष्ट नहीं हुए तथा बिना शर्त माफी की मांग पर अड़े रहे। लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने इस विषय का समाधान निकालने के लिए भोजनावकाश में सभी दलों के नेताओं की बैठक बुलाई थी।
भोजनावकाश के बाद बैठक शुरू होने पर भाजपा सदस्य प्रज्ञा ने दोबारा बयान दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने 27 नवंबर को एसपीजी विधेयक पर चर्चा के दौरान नाथूराम गोडसे को देशभक्त नहीं कहा, नाम ही नहीं लिया, फिर भी किसी को ठेस पहुंचती हो तो मैं क्षमा चाहती हूं।’’ इसके बाद सदन की बैठक सुचारू रूप से आगे बढ़ी और शून्यकाल को लिया गया ।