पीएम मोदी ने देश के महालेखाकार और उप महालेखाकार को क्या नसीहत दी ?

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नई दिल्ली : प्रधान मंत्री नरेंद्र मोडी ने महालेखाकार और उप महालेखाकार के सम्मलेन को संबोधित करते हुए कहा कि आज जब भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की आर्थिक ताकत बनने की ओर अग्रसर हो रहा है, उसमें सीएजी की भूमिका अहम है। क्योंकि आप जो करेंगे उसका सीधा असर सरकार की Efficiency पर पड़ेगा, सरकार की Decision Making और Policy Making पर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि CAG की जिम्मेदारी इसलिए भी अधिक है क्योंकि आप देश और समाज के आर्थिक आचरण को पवित्र रखने में अहम भूमिका निभाते हैं, और इसलिए आपसे उम्मीदें भी अधिक रहती हैं.

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पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि सिर्फ आंकड़ों और प्रक्रिया तक ही इस संगठन को सीमित नहीं रहना है, बल्कि वाकई में गुड गवर्नेंस के एक Catalyst के रूप में आगे आना है। CAG को CAG Plus बनाने के सुझाव पर आप गंभीरता से अमल कर रहे हैं, ये खुशी की बात है.

उनका कहना था कि आज जितने भी स्टेक होल्डर्स हैं, उनको सटीक Audit भी चाहिए, ताकि वो अपने Plans का सही Execution कर सकें। वहीं वो ये भी नहीं चाहते कि Audit के Process में बहुत ज्यादा समय लगे. पीएम ने जोर देते हुए कहा कि  हमारा लक्ष्य है कि साल 2022 तक Evidence Based Policy-Making को गवर्नेंस का अभिन्न हिस्सा बनाया जाए। ये New India की नई पहचान बनाने में भी मदद करेगा।  ऐसे में Audit और Assurance Sector के Transformation के लिए भी ये सही दौर है। अब CAG को भी CAG 2.0 की तरफ बढ़ना होगा:
उनका कहना था कि क्या Target था, क्या Achieve किया गया, इसे लेकर आपका दृष्टिकोण बहुत बारीक होता है। आप भी अपने संस्थान के या इस कॉन्क्लेव के जो Target बनाएं वो साल 2022, यानि अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष को जोड़ते हुए बनाएं.

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