अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में अमिताभ बच्चन क्या बोले ?

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अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में अमिताभ बच्चन क्या बोले ? 2गोवा : 50वें भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह के सिलसिले में आज गोवा में कला अकादमी में आयोजित दादा साहब फाल्के पुरस्कार रेट्रोस्पेक्टिव का उद्घाटन किया गया। इस वर्ष 50वें भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में अमिताभ बच्चन की पुरानी फिल्में दिखाई जा रही हैं, क्योंकि उन्हें इस वर्ष के दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। आईएफएफआई 2019 में अमिताभ बच्चन की उपलब्धियों को सम्मानित करने के लिए एक अलग भाग में अमिताभ बच्चन की 6 बेहतरीन फिल्में दिखाई जाएंगी।

इस अवसर पर श्री बच्चन ने कहा, ‘काफी अधिक विनम्र महसूस कर रहा हूं और इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए भारत सरकार को धन्यवाद देना चाहूंगा। मैंने यह हमेशा महसूस किया है कि मैं ऐसे सम्मान का पात्र नहीं हूं, लेकिन अनुग्रह और लगाव के साथ इसे विनम्रतापूर्वक स्वीकार करता हूं।’

 

सुनिए अमिताभ बच्चन ने क्या कहा :

आईएफएफआई स्वर्ण जयंती के बारे में उन्होंने कहा, ‘यह आईएफएफआई का 50वां संस्करण है और इसके अद्भूत आयोजन के लिए मैं भारत सरकार और आईएफएफआई की सराहना करता हूं। प्रत्येक वर्ष हम प्रतिनिधियों की संख्या बढ़ती हुई पाते हैं और फिल्मों की पसंद हमें विश्व के विभिन्न भागों के सृजनात्मक कार्यों को देखने का अवसर प्रदान करती हैं।’

सिनेमा को सार्वभौमिक माध्यम बताते हुए श्री बच्चन ने कहा कि फिल्में भाषा की सीमाओं से बाहर होती हैं। ‘जब हम अंधेरा हॉल में बैठते हैं, तब अपने पड़ोस में बैठे व्यक्ति से कभी भी जाति, नस्ल, रंग नहीं पूछते। हम एक समान फिल्म का आनंद लेते हैं एक तरह के व्यंग्य पर हंसते हैं और समान भावनाओं पर रोते-चिल्लाते हैं।’

50वें भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह के उद्घाटन की विडियो देखें :

उन्होंने कहा कि तेजी से खंडित हो रही दुनिया में सिनेमा जैसे कुछ माध्यम ही बचे हैं, जो एकता का दावा कर सकते हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि हम लोगों को जोड़ने वाली फिल्में बनाना जारी रखेंगे।

जाने-माने अभिनेता ने कहा कि रंग, जाति और धर्म की पुरानी प्रथा तोड़नी होगी। ‘हमें एक समुदाय के रूप में सबको साथ लाना चाहिए, सृजनात्मकता की सराहना के लिए एक-दूसरे का हाथ थामना रखना चाहिए और इस विश्व को शांतिपूर्ण जगह बनाने के लिए आगे कदम बढ़ाना चाहिए।’

श्री बच्चन ने गोवा में की गई अपनी पहली फिल्म की शूटिंग को याद किया। उन्होंने कहा, ‘गोवा आना, घर आने जैसा है और मुझे यहां कार्य करने के अद्भुत अवसर मिले हैं और शूटिंग के दौरान गोवा की जनता का आतिथ्य सत्कार मिला है।’

रेट्रोस्पेक्टिव भाग में पहली फिल्म ‘पा’ दिखाई जाएगी। अन्य दिखाई जाने वाली फिल्में हैं- शोले, दीवार, ब्लैक, पीकू तथा बदला।

 

50वां भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह (आईएफएफआई)-2019 का भारतीय पैनोरमा भाग प्रारंभ

50वें भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह-आईएफएफआई-2019 में आज राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता गुजराती फिल्म ‘हेल्लारो’ के प्रदर्शन के साथ भारतीय पैनोरमा भाग प्रारंभ हुआ। श्री अभिषेक शाह द्वारा निर्देशित यह फिल्म आज पणजी के आइनॉक्स में फीचर फिल्म श्रेणी में दिखाई गई। गैर फीचर फिल्म श्रेणी में श्री आशीष पांडेय द्वारा निर्देशित कश्मीरी फिल्म ‘नूरेह’ भी दिखाई गई। समारोह में उपस्थित नूरेह फिल्म के निर्देशक ने इस फिल्म के बारे में बताया कि यह फिल्म एक छोटी लड़की की कहानी है, जो अभी भी बेहतर जिंदगी की आशा करती है। उन्होंने कहा कि वह वैसी फिल्म बनाना चाहते थे, जो आज के समय में प्रांसगिक हो। उन्होंने भारतीय पैनोरमा में इस फिल्म के चयन के लिए आईएफएफआई के निर्णायक मंडल को धन्यवाद दिया।

भारतीय पैनोरमा भाग में समकालीन भारतीय सिनेमा को दिखाया गया है। इस वर्ष भारतीय पैनोरमा में कुल 26 फीचर फिल्में और 15 गैर-फीचर फिल्में दिखाई जाएंगी। हिन्दी के अतिरिक्त भारतीय पैनोरमा की फीचर फिल्मों में कुछ कम बोली जाने वाली भाषाओं जैसे खासी/गारो, पनिया, इरूला तथा पंगचेनपा की फिल्में भी दिखाई जाएंगी।

फीचर फिल्म के अन्य वर्गों में पांच मराठी फिल्में- तुझया ऐला, आनंदी गोपाल, भोंगा, माई घाट तथा फोटो प्रेम है। इस श्रेणी में तीन-तीन मलयालम और बांग्ला फिल्में, दो तमिल फिल्में और एक कन्नड़ फिल्म को शामिल किया गया है।

फीचर फिल्म की श्रेणी में मुख्यधारा सिनेमा का उपवर्ग रखा गया है, जिसके तहत ‘गली ब्वाय’, ‘उरीः द सर्जिकल स्ट्राइक’, ‘सुपर-30’ तथा ‘बधाई हो’ जैसी लोकप्रिय फिल्में दिखाई जाएंगी। इस श्रेणी के अंतर्गत तेलुगु फिल्म ‘एफ-2’ भी दिखाई जाएगी।

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