अब घर की छत पर सोलर रूफटॉप स्थापित करने का रास्ता साफ

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चंडीगढ़  :  हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (एचईआरसी) ने ‘नेट मीटरिंग विनियम, 2019’ को अधिसूचित किया है जिसमें हरियाणा राज्य में उपभोक्ताओं को अपने घर में सोलर रूफटॉप स्थापित करने की अनुमति है। यह विनियम वित्त वर्ष 2021-22 तक लागू रहेंगे।
          एचईआरसी के चेयरमैन डी.एस. ढेसी ने आज यह जानकारी देते हुए बताया कि इस तरह की नेट-मीटरिंग व्यवस्था से उपभोक्ताओं के बिजली के बिलों में कमी आएगी। उपभोक्ता सौर ऊर्जा का उपयोग जहां स्वयं के लिए कर सकेंगे वहीं बची हुई सौर ऊर्जा डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम को बेच सकेंगे।
उन्होंने बताया कि किसी भी उपभोक्ता द्वारा अपने घर में स्थापित किए जाने वाले रूफटॉप सोलर सिस्टम की अधिकतम रेटेड क्षमता लो-टेंशन-कनेक्शन के मामले में कनेक्टेड लोड से अधिक नहीं होगी। इसके अलावा अनुबंध की मांग हाई-टेंशन कनेक्शन के मामले में दो मेगावॉट से अधिक नहीं होगी।
श्री ढेसी ने इस बात पर जोर दिया कि नए विनियम के तहत रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाने के लिए सरकारी संस्थानों/ भवनों की छतों को स्वतंत्र बिजली उत्पादकों/ नवीकरणीय ऊर्जा सेवा कंपनियों को पट्टे पर भी दिया जा सकता है। इन नियमों के तहत ये सरकारी संस्थान खुद या थर्ड पार्टी के  माध्यम से अपने भवनों की छत पर खुद के लिए भी रूफटॉप सोलर सिस्टम स्थापित कर सकते हैं।
एचईआरसी के अध्यक्ष ने कहा कि जहां से सौर ऊर्जा प्रणाली द्वारा बिजली उत्पन्न की जाती है और मुख्य पैनल तक पहुंचाई जाती है उस प्वाइंट पर नेट मीटरिंग सिस्टम के अभिन्न अंग के रूप में सोलर-मीटर स्थापित किया जाना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि पात्र उपभोक्ता की लागत पर सीईए विनियमों के अनुसार नेट-मीटरिंग उपकरण (द्वि-दिशात्मक मीटर) और सोलर-मीटर (यूनिडायरेक्शनल) वितरण लाइसेंसधारी द्वारा स्थापित किए जाएंगे व उनका रखरखाव किया जाएगा।
श्री ढेसी ने बताया कि पात्र उपभोक्ता ऑनलाइन वितरण लाइसेंसधारी वेबसाइट या हरेडा वेबसाइट या निर्धारित प्रपत्र पर संबंधित सब-डिवीजन में आवेदन जमा कर सकते हैं। आवेदन पत्र के साथ एक हजार रूपए का शुल्क भी अदा करना होगा।
यहाँ यह उल्लेख किया जा सकता है कि पहले के नेट-मीटरिंग विनियमों, 2014 के तहत एकल पात्र उपभोक्ता के लिए अधिकतम स्थापित क्षमता एक मेगावॉट से अधिक नहीं होगी जिसको अब नए विनियमों में 2 मेगावाट तक संशोधित कर दिया गया है।

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