चंडीगढ़ : हरियाणा तालाब प्राधिकरण द्वारा राज्य में 18 आदर्श तालाबों को पायलट आधार पर विकसित किया जाएगा और उनके अनुभवों के आधार पर अन्य तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए भविष्य कार्य योजना तैयार की जा सके। यह जानकारी आज यहां हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनन्द अरोड़ा की अध्यक्षता में तालाब प्राधिकरण की बैठक में दी गई। बैठक में तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए आगामी 10 वर्षों की कार्य योजना को भी प्रस्तुत किया गया।
बैठक में श्रीमती अरोड़ा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि तालाबों का वर्गीकरण इस प्रकार किया जाए जिससे मछली पालन को बढ़ावा मिल सके और गांवों में पारंपरिक जल स्त्रोत के रूप में इनका उपयोग किया जा सके। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण द्वारा बनाए गए तालाब सूचियों का प्रारूप संबंधित विभागों को जल्द से जल्द भेजा जाए ताकि सभी विभागों द्वारा सुझाव 14 जनवरी, 2020 तक प्राप्त कर इस सूची का प्रकाशन किया जा सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि वर्तमान में मछली पालन के लिए प्रयोग किए जा रहे तालाबों को भी तालाब सूची में शामिल किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि तालाबों की सफाई के लिए नई तकनीकों का भी प्रयोग किया जाए।
बैठक में बताया गया कि प्राधिकरण द्वारा तैयार किए गए इस प्रारूप में हर तालाब का सर्वे किया गया है और प्रत्येक तालाब को एक अलग आईडी दिया गया है, जिसके बारे में सॉफ्टवेयर के माध्यम से संबंधित तालाब की सभी प्रकार की जानकारियां प्राप्त की जा सकती है। बैठक में बताया गया कि वर्तमान में मछली पालन के लिए प्रयोग किए जा रहे तालाबों को भी इस प्रारूप में शामिल किया जाएगा। बैठक में बताया गया कि ठोस-तरल कचरा प्रबंधन के लिए पंचायती राज विभाग द्वारा 1323 तालाबों के पुनर्वास का कार्य किया जा रहा है, जिसमें से 465 पर कार्य पूरा हो चुका है।
बैठक में बताया गया कि ग्रामीण क्षेत्र में 16,458 तालाब चिहिन्त किए गए हैं, जिनमें आधा एकड़ और इससे अधिक के 15,946, गंदे पानी वाले तालाब 6498, पशुओं के लिए उपयोग होने वाले 7554 तालाब, मतस्य पालन के लिए 407 तालाब, सिंचाई के लिए 74 तालाब तथा अन्य 1413 तालाब हैं। इसी प्रकार, शहरी क्षेत्र में 639 तालाब चिहिन्त किए गए हैं, जिनमें आधा एकड़ और इससे अधिक के 600, गंदे पानी वाले तालाब 210, पशुओं के लिए उपयोग होने वाले 140 तालाब, मतस्य पालन के लिए 16 तालाब, सिंचाई के लिए 55 तालाब तथा अन्य 179 तालाब हैं।
बैठक में पशुपालन एवं डेयरी तथा मतस्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुनील गुलाटी, सिंचाई विभाग के प्रधान सचिव श्री अनुराग रस्तोगी, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के प्रधान सचिव श्री आनंद मोहन शरण सहित अन्य वरिष्ठï अधिकारी उपस्थित थे।