नई दिल्ली : भारत का 50 वां अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) ने शानदार फिल्मों के प्रदर्शन की प्रवृत्ति इस महोत्सव के समापन दिन तक जारी रखने की घोषणा की है। ईरानी फिल्म निर्माता, मोहसिन मखमलबफ द्वारा निर्देशित “मार्घे एंड हर मदर” का इंडिया प्रीमियर उत्सव की समापन फिल्म होगी।
इस फिल्म की कहानी एक छह साल की लड़की मार्घे के चारों ओर घूमती है जो अपनी एकल माँ क्लाउडिया के साथ रहती है। उसकी मां को भुगतान कठिनाइयों के कारण घर से बाहर निकाल दिया गया है जो मार्घे को अपने पड़ोस में रहने वाली एक बूढ़ी औरत के पास छोड़ जाती है। यह मखमलबफ की पहली फिल्म है जो इटली में इतालवी भाषा में बनाई गई है जो ईरान की पृष्ठभूमि से दूर है।
इस फिल्म को पहले ही अलोचनात्मक प्रशंसा प्राप्त हो चुकी है। इसकी कथा के प्रवाह में एक निश्चित मासूमियत है जो पिछले वर्षों के दौरान इस मास्टर फिल्म निर्माता की परिपक्वता को दर्शाती है। फिल्म में कुछ नव-यथार्थवादी और नोवेल अस्पष्ट प्रभाव हैं जो दर्शकों का ध्यान आकर्षित करते हैं। यह दुनिया के दो सबसे बड़े फिल्म आंदोलनों को एक सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करती है। यह फिल्म निर्देशक के पिछले कार्यों में एक उल्लेखनीय बदलाव को दर्शाते हुए अधिनायकवाद और क्रांति के मुद्दों तथा मध्य-पूर्व में दैनिक जीवन के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करती है। इसके अलावा पहचान, सामाजिक व्यवस्था, नैतिकता और आधुनिक युवा पीढ़ी के अन्य पहलुओं पर भी फिल्म में ध्यान केंद्रित किया गया है। इस फिल्म का प्रीमियर हुआ है और इसे 2019 में बोस्फोरस फिल्म महोत्सव के लिए नामांकित किया गया। मखमलबफ को पहले भी अनेक फिल्म महोत्सवों में नामांकित और पुरस्कृत किया जा चुका है। इन्हें ईरानी न्यू वेव की दूसरी पीढ़ी के अग्रणी व्यक्ति माना जाता है।
यह उल्लेखनीय है कि 2019 भारत के 50वें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) को चिह्नित करता है जिसे एशिया महाद्वीप के शुरुआती फिल्म समारोहों में से एक माना जाता है। इस महोत्सव में 76 देशों की 200 सर्वश्रेष्ठ फिल्में, 26 फीचर फिल्में और 15 गैर-फीचर फिल्में भारतीय पैनोरमा वर्ग में प्रदर्शित की जाएंगी और स्वर्ण जयंती संस्करण में 10,000 से अधिक लोगों के भाग लेने की उम्मीद है।