जामिया मिलिया इस्‍लामिया के 350 स्‍वर्ण पदक से पुरस्‍कृत छात्रों में 183 लड़कियां शामिल

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नई दिल्ली। राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज नई दिल्‍ली में जामिया मिलिया इस्‍लामिया के वार्षिक दीक्षांत समारोह में उपस्थित छात्रों को संबोधित किया। इस अवसर पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’, मणिपुर की राज्‍यपाल एवं जामिया मिलिया इस्‍लामिया की कुलाधिपति डॉ नजमा हेपतुल्‍ला और कुलपति प्रो. नज़मा अख्‍तर भी उपस्थित थे।

वर्ष 2017 और 2018 में 350 स्‍वर्ण पदक से पुरस्‍कृत छात्रों सहित 10,000 से अधिक छात्र उत्‍तीर्ण हुए थे। इन 350 स्‍वर्ण पदक से पुरस्‍कृत छात्रों में 183 लड़कियां शामिल हैं। राष्ट्रपति ने सभी विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की।

इस अवसर पर राष्‍ट्रपति ने कहा कि सरकार समसामयिक चुनौतियों से निपटने के लिए शैक्षिक वातावरण में बदलाव करती रही है। भारत को एक ‘ज्ञान की महाशक्ति’ के रूप में स्‍थापित करना मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा प्रस्‍तावित ‘राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति’ के महत्‍वपूर्ण उद्देश्‍यों में से एक है। पूरा विश्‍व भारत के छात्रों की असाधारण प्रतिभा से अवगत है। इस प्रतिभा के समुचित इस्‍तेमाल के लिए देश के सभी शैक्षिक संस्‍थाओं को योगदान करना होगा। ‘जामिया’ जैसे प्रतिष्ठित संस्‍थानों से इस दिशा में विशेष योगदान की आशा है।

केन्‍द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखडि़याल ‘निशंक’ ने अपने भाषण में जामिया मिलिया इस्‍लामिया की जरूरतों को पूरा करने के लिए सभी संभव सहायता प्रदान करने का आश्‍वासन दिया। श्री निशंक ने राष्‍ट्रीय और अंतर्राष्‍ट्रीय रैंकिंग में सुधार लाने की दिशा में निरंतर प्रयास के लिए जामिया मिलिया इस्‍लामिया की सराहना की। उन्‍होंने उद्योगजगत की मदद से रोजगारोन्‍मुखी पाठ्यक्रमों के संचालन के प्रयासों के लिए भी इसकी सराहना की।

स्‍वतंत्रता की लड़ाई में जामिया मिलिया इस्‍लामिया के योगदान का स्‍मरण करते हुए, उन्‍होंने कहा कि यह एक गर्व का विषय है कि आज इस संस्‍था ने अपनी स्‍थापना के 100 वर्ष में प्रवेश किया है। श्री निशंक ने कहा कि सरकार की नितियों को लागू करके और अपने सामाजिक दायित्‍वों को पूरा करके इस विश्‍वविद्यालय में अपनी पहचान कायम की है।

दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए, जामिया मिलिया इस्‍लामिया की कुलाधिपति डॉ नजमा हेपतुल्‍ला और कुलपति प्रो. नज़मा अख्‍तर ने इस विश्‍वविद्यालय में एक चिकित्‍सा महाविद्यालय सह-अस्‍पताल स्‍थापित करने के लिए सरकार से मांग की।

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