पेरिस। फ्रांस की इंजन विनिर्माता कंपनी सैफरन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) ने बुधवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से कहा कि भारत को कारोबार के लिए आकर्षक वातावरण सुलभ कराना चाहिए तथा कर और सीमा शुल्क नियमों के जरिये ‘हमें आतंकित’ नहीं करना चाहिए।
इसी कंपनी ने राफेल लड़ाकू जेट विमान का इंजन बनाया है। इसके साथ ही फ्रांसीसी कंपनी ने भारत में 15 करोड़ डॉलर का निवेश करने की योजना की घोषणा की।
रक्षा मंत्री सिंह फ्रांस की राजधानी के पास स्थित बहुराष्ट्रीय कंपनी सैफरन के कारखाने में भी गए। वहां कंपनी की ओर से उनके समक्ष प्रस्तुतीकरण दिया गया। सैफरन राफेल जेट में इस्तेमाल होने वाले अत्याधुनिक एम88 इंजन बनाती है। भारत ने फ्रांस से राफेल विमानों की खरीद है।
रक्षा मंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘पेरिस के पास विलारोशे में सैफरन के इंजन विनिर्माण संयंत्र गया। सैफरन की पहचान इंजन बनाने की क्षमता को लेकर है। उन्होंने राफेल का इंजन भी बनाया है।’’
सिंह ने कहा, ‘‘सैफरन के विनिर्माण संयंत्र में भारतीय मूल के कई युवा और प्रतिभावान इंजीनियरों से मिलने का मौका मिला। उनका तकनीकी ज्ञान और मेहनत प्रभावित करने वाली और प्रेरणादायक है।’‘’
प्रस्तुतीकरण के दौरान सैफरन एयरक्राफ्ट इंजंस के सीईओ ओलिवियर एंड्रीज ने कहा कि कंपनी का इरादा भारत में प्रशिक्षण और रखरखाव पर 15 करोड़ डॉलर का निवेश करने का है। हालांकि, सीईओ ने कहा कि वह भारत से कर ढांचे पर अधिक समर्थन की उम्मीद करते हैं।
एंड्रीज ने कहा कि भारत विमानन के लिए तीसरा सबसे बड़ा वाणिज्यिक बाजार बनने वाला है। हम अपने ग्राहकों के लिए वहां एक मजबूत रखरखाव और मरम्मत व्यवस्था बनाना चाहते हैं।
एंड्रीज ने कहा,‘‘लेकिन हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि भारत की कर और सीमा शुल्क प्रणाली आतंकित करने वाली नहीं हो।’’
रक्षा मंत्री ने इस पर सीईओ से कहा कि भारत अपनी ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत निवेश के लिए अनुकूल माहौल उपलब्ध कराने को प्रतिबद्ध है।
सिंह ने सैफरन को अगले साल फरवरी में लखनऊ में होने वाले ‘डेफएक्सपो’ में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। कंपनी ने उनके निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है।
सैफरन ने मंत्री को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लि. (एचएएल) के साथ अपने सहयोग का ब्योरा देते हुए भारत के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘कुशल भारत’ कार्यक्रमों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई।