भारतीय तटरेखा पर आतंकी हमले का खतरा कायम: राजनाथ सिंह

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आईएनएस विक्रमादित्य। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय तटरेखा पर आतंकी हमले का खतरा कायम है क्योंकि पड़ोसी देश भारत को अस्थिर करने के लिए नापाक हरकतें कर रहा है।

राजनाथ ने रविवार को आईएनएस विक्रमादित्य की यात्रा के दौरान पत्रकारों से बातचीत में यह बयान दिया।

तटरेखा पर आतंकवादी हमले के खतरों पर रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘दुनिया में हर देश के पास अपनी रक्षा के लिए पर्याप्त सुरक्षा होनी चाहिए। हम किसी भी आशंका (आतंकवाद के खतरे) को हल्के में नहीं ले सकते।’’

पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए सिंह ने कहा, ‘‘ जहां तक हमारे पड़ोसी देश की बात आती है, आपको पता है वह भारत को अस्थिर करने और तोड़ने के लिए लगातार नापाक हरकतें कर रहा है।’’

सिंह रातभर आईएनएस विक्रमादित्य में रूके और इस दौरान, उन्होंने पनडुब्बियों, फ्रिगेट्स और वाहक सहित विभिन्न सैन्य अभ्यासों को देखा।

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं पूरे यकीन के साथ कह सकता हूं कि समुद्री सुरक्षा के लिए यहां हमारी भारतीय नौसेना दृढ़ एवं चौकस है। इसमें तनिक भी संदेह नहीं है।’’

उन्होंने साथ ही कहा कि मुम्बई जैसा हमला दोबारा नहीं होने देंगे ।

सिंह ने कहा, ‘‘ हम 26/11 हमले (मुम्बई आतंकवादी हमला) को भूल नहीं सकते। अगर कोई गलती एक बार हुई है, तो वह किसी कीमत पर दोबारा नहीं होनी चाहिए। इसलिए हमारी भारतीय नौसेना और तट रक्षक हमेशा सतर्क रहते हैं।’’

पुलवामा में आतंवादियों के फिर घुस आने के सेना प्रमुख के बयान पर सिंह ने कहा, ‘‘यह किसी को बताने की जरूरत नहीं है कि आतंकवादियों का क्या हाल किया जाएगा।’’

रक्षा मंत्री ने कहा कि न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया को पता है कि आतंकवादियों का क्या होगा।

सिंह ने रविवार सुबह विमान वाहक पर योग भी किया। उन्होंने कहा कि केवल भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में लोगों ने योग को अपनाया है।

उन्होंने कहा, ‘‘उसे (योग) अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली है और इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जाता है।’’

रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘ उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के समक्ष (योग पर) प्रस्ताव पेश किया और इसका 177 देशों ने समर्थन किया।’’

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