——————————————– संदीप पाराशर ——————————————— श्री विक्रमी संवत् :- 2073 संवत् नाम :- सौम्य शाके :- 1938 मास :- कार्तिक पक्ष :- शुक्ल तिथि :- द्वादशी तिथि संज्ञा :- भद्रा वार :- शनि नक्षत्र :- रेवती नक्षत्र स्वामी :- बुध योग :- वज्र करण :- कौलव ऋतु :- शरद सूर्य :- दक्षिणायन —————————————- ? जो लोग एकादशी का व्रत रखते या फिर जिन लोगों ने यह व्रत रखा है .उन्हें जौ की एक रोटी बनाकर गाय को खिलाना चाहिए. क्योंकि इस बार इस व्रत मे तीन एकादशी . द्वादशी व त्रयोदशी शामिल हैं जो योग बना है वह इस व्रत के लिए सबसे उच्च बताया गया है. जो गाय को जौ की एक रोटी देता है उसके एक वर्ष के एकादशी व्रत का पूण्य मिलता है ? ————————————- सूर्योदय : 06 : 42 : 47 ———————————— सूर्यास्त : 17 : 27 : 28 ————————————- चंद्रोदय : 16 : 01 : 30 ————————————– दिनमान : 10 : 41 : 41 ————————————— रात्रि मान :13 : 18 : 19 —————————————- सूर्य नक्षत्र :विशाखा —————————————- चंद्र नक्षत्र : रेवती :- दे, दो, च, ची ————————————- राहुकाल : 09 :24 से 10 :45 ————————————- अथ अभिजित मुहुर्त : 11 : 43 से 12 : 27 ————————————— चौघडिया मुहूर्त : दिन काल 06:43 – 08:03 अशुभ शुभ 08:03 – 09:24 शुभ रोग 09:24 – 10:45 अशुभ उद्वेग 10:45 – 12:05 अशुभ चर 12:05 – 13:26 शुभ लाभ 13:26 – 14:46 शुभ अमृत 14:46 – 16:07 शुभ काल 16:07 – 17:27 अशुभ रात्रि लाभ 17:27 – 19:07 शुभ उद्वेग 19:07 – 20:46 अशुभ शुभ 20:46 – 22:26 शुभ अमृत 22:26 – 00 :06 शुभ चर 00 :06 – 01 :45 शुभ रोग 01 :45 – 03 :25 अशुभ काल 03 :25 – 05 :04 अशुभ लाभ 05 :04 – 06 : 44 शुभ ————————————— पंचक :– 22 :30 :18 तक गंडमूल :- अहर्निश —————————————