‘मोदी’ ने अब दिलाई है ‘आर्थिक आजादी’

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आर्थिक-सामाजिक समानता का हुआ है आरंभ

08 नवंबर 2016 का दिन सदियों रहेगा याद 

गुरूग्राम:  आठ नंबर 2016 का दिन देश ही नहीं दुनिया के इतिहास में गोलडन डे के रूप में अंकित हो गया है। सही मायने में आजादी के सात दशक के बाद अब पीएम मोदी ने आर्थिक आजादी दिलाई है। भविष्य में धन-बल की राजनीति दफन हो जाएगी और भ्रष्टाचार का पर्याय कही जाने वाली राजनीति में पारदर्शिता आएगी। कुछ एेसी ही तत्वरित टिप्पणी की गई हैं उत्तर भारत के विख्यात समाज सुधारक-चिंतक और शिक्षा सहित ज्ञान के मर्मग्य क्रमश: महामंडलेश्वर ज्याति गिरि तथा महामंडलेश्वर धर्मदेव के द्वारा, दोनों ने ही मोदी सरकार के द्वारा 5सौ और एक हजार के नोट बंद किए जाने का स्वागत किया है।

दूरगामी नतीजे मिलेंगेmahamandleshwar-1-a

महाकालेश्वर कल्याण ट्रस्ट एवं महाकाल संस्थान के अधिष्ठाता महामंडलेश्वर ज्योति गिरि ने कहा कि, मोदी-सरकार का यह एेतिहासिक और साहसिक फैंसला है। सही मायने में आम आदमी और देश को जिस आजादी की जरूरत थी, उस आर्थिक आजादी का सपना मोदी ने ही पूरा किया है। पांच सौ और एक हजार के प्रचलित नोट बंद किए जाने से आम आदमी-मध्यम वर्ग को 8-10 दिन की परेशानी झेलने के बाद जो सहुलियत होगी, इसे महसूस करने के लिए थोड़ा सा इंतजार करना होगा। सबसे अधिक परेशानी तो एेसे लोगों के लिए खड़ी हो गई है, जिनको यही नहीं मालूम कि उनके पास कितना धन है। मोदी के इस फैसले के दूरगामी नतीजे मिलेंगे और सही मायने में अब देश में आर्थिक और सामाजिक समानता के युग का सूत्रपात हुआ है।

बिना किसी चोट के दबंग हुए बेदम 

महामंडलेश्वर ज्योति गिरि ने कहा आने वाले समय में देश में जो तरक्की होगी, संभवत: उस तरफ किसी ने ध्यान ही नहीं दिया है। मोदी के इस फैसले ने दबंगो को बेदम बिना किसी चोट और सजा के ही कर दिया है। माफिया सहित आतंक के ऐसे आकाओं को पंगु बना दिया, जो कि काले धन के दम पर अपनी दादागिरी चलाते आ रहे थे।

राष्ट्रहित में क्रांतिकारी निर्णय

महामंडलेश्वर धर्मदेव महाराज ने बेबाक शब्दों में कहा कि, काला बाजारी का धंधा करने वालों को तो लकवा जैसी मार पड़ी है। उन्होंने पीएम मोदी के इस फैंसले को राष्ट्रहित में क्रांतिकारी निर्णय बताया। धर्मदेव ने कहा कि कुछ रोग एेसे होते हैं, जिनका उपचार केवल और केवल कड़वी दवा से ही संभव है। उन्होंने भी माना कि आम आदमी, गरीब, रोजाना कमाने-खाने वालों पर कोई असर नहीं होने वाला। पीएम मोदी ने यह फैंसला किसी राजनीतिक लाभ के लिए नहीं देश हित में किया है। यदि बीजेपी या इससे जुड़ा कोई भी नेता-कार्यकर्ता जिसके पास काला धन है तो उसे भी वहीं परिणाम भुगतने होंगे जो किसी अन्य राजनीतिक दल या उसके समर्थक-कार्यकर्ता को भुगतना पड़ेगा।

 

सुचिता सहित पारदर्शिता का आना तय

उन्होंने कहा कि, अब निश्चित ही राजनीति में सुचिता सहित पारदर्शिता का आना तय है। जो लोग धन-बल की राजनीति करते आ रहे या इसमें भरोसा करते हैं, ऐसे लोगों की दुकान-धंधा भी बंद होना तय हो चुका है। जिन लोगों ने अरबों-खरबों रूपए दबाकर रखे, वह सब रद्दी बनकर रह जाएंगे। संभवत आजादी के बाद यह एेसा पहला कार्य है, जिसकी मोदी के द्वारा घोषणा किए जाने तक किसी को भी भनक तक नहीं लग सकी है।

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