श्रमिक नेता कुलदीप जांघू ने काम की गुणवत्ता में खामी बरतने का लगाया आरोप
जापान का उद्धरण पेश कर कहा प्रदेश सरकार के लोग विदेशों से लें सीख
गुरुग्राम। शहर में हुई हल्की बारिश से उत्पन्न स्थिति ने सरकारी तंत्र में दूरदर्शिता की कमी, भ्रष्टाचार का बोलबाला और विकास कार्यों में बरती गई खामियों को एक बार फिर उजागर कर दिया है। यहां के लाखों श्रमिकों ने कड़ी मेहनत से गुरुग्राम की अंतरराष्ट्रीय छवि बनाई लेकिन सरकारी व्यवस्था इस पर पलीता लगा रही है। शहर के एमजी रोड, इफको चौक अंडरपास का बुरी तरह क्षतिग्रस्त होने, हीरो होंडा फ्लाईओवर में गड्ढा होने और आईएमटी मानेसर जैसे प्रीमियर औद्योगिक क्षेत्र में जलभराव की दुर्भिक्ष स्थिति ने डेवलपमेंट की त्वरित गति से काम करने और गुणवत्ता के सरकारी दावे की पोल खोल दी है।
यह कहना है गुरुग्राम विधानसभा क्षेत्र से ट्रेड यूनियन कौंसिल के अधिकृत प्रत्याशी व मारुति सुजुकी यूनियन के प्राधान कुलदीप जांघू का। यहाँ जारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से उन्होंने गुरुग्राम में हल्की बारिश से ही शहर की यातायात व्यवस्था को लेकर बने हालात पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि हाल ही में उन्होंने जापान की यात्रा की और वहां की आधारभूत सुविधाओं को बेहद करीब से देखा। दूसरीं तरफ हरियाणा में अन्य शहरों के साथ गुरुग्राम की स्थिति भी सामने है। उन्होंने कहा कि तुलनात्मक अध्ययन इस ओर इशारा करते हैं कि हमारे प्रदेश के सीएम से लेकर मंत्री व अधिकारी विदेश दौरे पर जाते हैं लेकिन वहां की स्थितियों से कभी सीखते नहीं हैं। उनका कहना है कि अगर थोड़ी भी विश्लेषण क्षमता का उपयोग करते तो आज अंतरराष्ट्रीय शहर गुरुग्राम की हालत भगवान भरोसे नहीं होती।
श्री जांघू ने कहा कि यहां सड़क, सीवर, बिजली, पानी हो या फिर अंडर पास , फ्लाई ओवर या फिर एलिवेटेड मार्ग , गुणवत्ता की दृष्टि से बेहद निम्न स्तर के बनाये जा रहे हैं।पिछले दो से तीन दिनों में विकास कार्यों की बदहाली ने सरकार के कार्यों का स्तर बता दिया है। प्रत्येक वर्ष बारिश में गुरुग्राम समान समस्या को झेलने को मजबूर हो गया है। कभी हीरो होंडा फ्लाई ओवर में दरार आ जाती है तो कभी द्वारका एक्सप्रेस वे पर फ्लाईओवर में धसाव। अभी इफको चौक अंडर पास के क्षति ग्रस्त होने की खबर ने शहर के लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है सरकार केवल दावे में विश्वास करती है काम की गुणवत्ता सुधारने में नहीं। सरकार केवल भावनात्मक मुद्दे उभार कर मूल विषयों से लोगों का ध्यान भटका कर राजनीतिक लाभ लेने की जुगत में लगी हुई है।
मानेसर जैसे प्रीमियर औद्योगिक क्षेत्र की संरचना में इतनी बड़ी खामी बरती गई है कि वहाँ हल्की बारिश से ही नदी से आई बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गयी। इससे इस जिला के औद्योगिक व व्यावसायिक मानचित्र पर अंतरराष्ट्रीय होने का तगमा धूमिल हो गया है। उन्होंने कहा कि जिस शहर को यहां के लाखों श्रमिकों ने अपने खून पसीने से कड़ी मेहनत कर देश और दुनिया में स्थापित किया उसके लिए विकास की कंपोजिट प्लानिंग बनाने वाली व इसे इम्प्लीमेंट कराने वाली आज तक कोई एजेंसी गठित नहीं कि गयी।।जीएमडीए का गठन किया गया लेकिन उसे वित्तीय एवं अन्य अधिकारों की दृष्टि से दंतहीन बना कर रखा गया है। उसके प्रमुख भी प्रदेश के सीएम हैं जबकि इसमें प्रशासनिक विकेंद्रीकरण के तहत किसी विधायक या सांसद को इसका चेयरमैन बनाया जाना चाहिए था जिससे स्थानीय तौर पर ही यह संस्था नीतिगत निर्णय लेकर उसे प्रभावी तरीके से अमल कराती। कुलदीप जांघू ने कहा कि इसका खामियाजा यह शहर भुगत रहा है।
श्री जांघू ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार जितनी मेहनत भाजपा के लिए सदस्यता अभियान चलाने, चुनाव में 75 पार का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए दूसरे दलों के नेताओं को भाजपा में शामिल करने में लगा रही है, यदि इतनी मेहनत यदि सरकारी कामकाज को बेहतर करने करते तो श्रमिकों के इस शहर को आज ये दिन देखने को नहीं मिलते। सड़क व फ्लाईओवर में होने वाली दरार ने लोगों को सड़क पर चलना दूभर कर दिया है। वाहन कब और किस सड़क पर दुर्घटना ग्रस्त हो जाएंगे यह आशंका लोगों को बारिश के दौरान भयभीत किये रहती है। इसका एल स्पष्ट नजारा एम जी रोड वाले अंडर पास में कल देखने को मिल जब बीच अंडर पास में वाहन फंस गए और चालकों को किसी तरह निकलना पड़ा।
मारुति सुजुकी मजदूर संघ के अध्यक्ष कुलदीप जांघू ने बताया कि राजस्व के मामलें में गुरुग्राम हरियाणा व देश के लिए सबसे बड़ा स्रोत है और विश्व के नक्शे पर अपनी जगह बनाये हुए है, लेकिन शहर की हालत दयनीय है। उन्होंने कहा कि हम यदि विकसित देशों के शहरों को देखें तो यहां की आधारभूत संरचनाओं और विदेशों में जमीन-आसमान का फ़र्क महसूस होता है। जापान में जो निर्माण कार्य होता है, उसमें सभी एजेंसियों का तालमेल पूरा होता है लेकिन इसका सर्वथा अभाव दिखता है।
उनका कहना है कि यहां अंडर ग्राउंड सर्विसेज जैसे टेलीफोन की तार लगाना, पानी की लाइन बिछाना, बिजली की लाइन बिछाना, सीवर की लाइन बिछाना अलग अलग एजेंसियों के पास है जबकि सड़क निर्माण किसी और के पास जबकि सभी एजेंसियों को कोई तालमेल नजर नहीं होता। एक विभाग अपना काम करता है, कुछ दिन बाद दूसरा विभाग तोड़ना शुरू करता है। ऐसे ही समय गुजरता रहता है, आये दिन जनता परेशान रहती है।
उल्लेखनीय है कि श्रमिक नेता कुलदीप जांघू ने जापान का दौरा किया और वहां की सुविधाओं का अध्ययन भी किया। वहां की सुविधाओं की क्वालिटी पर उनका कहना है कि वहां काफी बारिश आती है लेकिन एक बूंद भी सड़क पर या गली में पानी नहीं रुकता। वर्ष जल निकासी व संचयन के लिए इतनी माकूल व्यवस्था बनाई गई है कि पानी की एक बूंद भी नहीं रुकती। सड़क या गली बिल्कुल साफ-सुथरी ।
श्री जांघू ने मांग की है कि प्रदेश सरकार को विकसित देशों के शहरों की तर्ज पर गुरुग्राम शहर का विकास करने के बारे में सोचना चाहिए।सरकारी एजेंसियों को पुरानी लीपापोती की परंपरा को पोषक बनने से तौबा करने की जरूरत है। यह स्थिति गुरुग्राम जैसे शहर की छवि को धूमिल कर रही है।