हरियाणा के हक पर कोर्ट ने मोहर लगाईं : नरबीर

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मनोहर सरकार ने मामले की गंभीरता से पैरवी की

गुरुग्राम : सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल )नहर को लेकर आज सर्वोच्च न्यायालय द्वारा हरियाणा के पक्ष में दिए गए फैसले का स्वागत करते हुए हरियाणा के लोक निर्माण, वन एवं नागरिक उड्डयन मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की राज्य में बनी मनोहर सरकार ने 12 वर्षों से उच्चतम न्यायालय में लंबित इस मामले की गंभीरता से पैरवी की, जिसकी वजह से यह ऐतिहासिक फैसला आया है।

एसवाईएल का पानी आने का रास्ता प्रशस्त

राव नरबीर सिंह ने कहा कि एसवाईएल के पानी पर हरियाणा का हक है, इस पर आज देश के सर्वोच्च न्यायालय ने मोहर लगा दी है। उन्होंने कहा कि इस मामले की पैरवी से यह साबित हो गया है कि मनोहर सरकार हरियाणावासियों को उनके हक का पानी दिलवाने के लिए कोई कोर कसर नही छोड़ेगी। उन्होंने कहा कि इस फैसले से हरियाणा में एसवाईएल का पानी आने का रास्ता प्रशस्त हो गया है और सर्वोच्च न्यायालय की मोहर लगने के बाद कोई भी हमारा पानी नही रोक सकता। उन्होंने कहा कि आज सर्वोच्च न्यायालय ने सन् 2004 में पंजाब विधानसभा द्वारा पारित प्रस्ताव को असंवैधानिक करार दिया है।

किसानो की पैदावार बढ़ेगी

उन्होंने कहा कि एसवाईएल का पानी आने से हरियाणा के किसानों विशेषकर दक्षिण हरियाणा और अहीरवाल क्षेत्र को लाभ होगा। यहां की गैर सिंचित भूमि को नहरी पानी मिल पाएगा जिससे किसानो की पैदावार बढ़ेगी और इलाके मे खुशहाली आएगी। राव नरबीर सिंह ने कहा कि देश के सर्वोच्च न्यायालय की मोहर लगने के बाद अब यह पक्का हो गया है कि एसवाईएल बनकर रहेगी और यह कार्य भी मनोहर सरकार के कार्यकाल में पूरा होगा। उन्होंने कहा कि वह दिन अब दूर नही है जब भाखड़ा का नीला नीला पानी अहीरवाल क्षेत्र के खेतो में बहेगा और फसलें लहलहाएंगी।

उच्चतम न्यायालय में लंबित था

राव नरबीर सिंह ने कहा कि पिछली सरकारों के गैर जिम्मेदाराना रवैये के कारण यह मामला अभी तक इतने वर्षो से उच्चतम न्यायालय में लंबित था। पिछली सरकारों ने इस मामले में कोई रूचि नही ली और ना ही इसकी पैरवी की, जिस कारण हरियाणा के किसान एसवाईएल के पानी से वंचित रहे और पैदावार प्रभावित हुई।

छोटे भाई का हक उसे दे

उन्होंने कहा कि अगर पिछली सरकारें रूचि लेती तो यह मामला कभी का निपट चुका होता। लोक निर्माण मंत्री ने यह भी कहा कि सन् 1966 में हरियाणा का निर्माण पंजाब में से ही हुआ था और हरियाणा ने हमेशा पंजाब को अपना बड़ा भाई माना है । अब बड़े भाई का भी दायित्व बनता है कि वह छोटे भाई का हक उसे दे।

सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाए रखने की अपील

राव नरबीर सिंह ने पंजाब के नेताओं से आह्वान किया कि वे पानी पर राजनीति ना करते हुए उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करें और राजनीतिवश कोई ऐसा बयान ना दें जिससे दोनो प्रदेशों में आपसी भाईचारे को ठेस पहुंचे। उन्होंने दोनो प्रदेशों में सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाए रखने की अपील भी की है।

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