धर्मेन्द्र यादव
फरीदाबाद : सरकार को अपने वायदे याद दिलाने और कर्मी मांगों को लेकर धरना- प्रदर्शन पर रोहतक में कर्मी नेताओं को नजरबंद करने और सैकड़ों कर्मचारियों के खिलाफ पुलिस मामले दर्ज करने के खिलाफ तमाम सरकारी कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ का बिुगल बजा दिया है। इसे लेकर सभी जिला मुख्यालयों पर कर्मचारियों ने रोष प्रदर्शन किया और सरकार को आगाह किया कि अगर कर्मी नेताओं की नजरबंदी की जांच नहीं कराई गई और दर्ज झूठे मुकदमें वापिस नहीं लिए गए तो 14 नवम्बर से सरकार के खिलाफ बडे आंदोलन का ऐलान होगा।
निगम मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों की पीडा है कि सरकार ट्रेड यूनियन अधिकारों का हनन करके एमरजंसी लगा रही है। सरकार से अपने हितों की मांग करने वाले कर्मचारियों के नेताओं को रोहतक में 27 घंटे नजरबंद किया गया और सैकड़ों कर्मचारियों पर झूठे मुकदमें पुलिस ने बना दिए। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार ने चुनावी घोषणा पत्र में कर्मचारियों से जो वायदे किए थे, उनमें से एक पर भी अमल नहीं किया गया है।
जब कर्मचारी सरकार को उसके वायदे याद दिलाते हुए अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करते है तो सरकार दमनकारी नीति अपनाते हुए उन्हे या तो नजरबंद कर देती है या फिर उन पर झूठे मुकदमें दर्ज कराकर डराया जाता है। लेकिन वे इससे डरने वाले नहीं है। कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने दमनकारी नीति नहीं छोडी और कर्मचारियों की मांगों पर अमल नहीं किया तो 1& नवम्बर को रा’य भर कर्मचारियों की बैठक करके बड़े आंदोलन का ऐलान किया जायेगा।