नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने आज दिल्ली स्थित दूरदर्शन केंद्र में सभी आठ स्टूडियो में वीडियो वॉल और अर्थ स्टेशन का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री जावडेकर ने दर्शको की अनुभूति बढाने के लिए वीडियो वॉल की महत्ता पर जोर दिया। सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा तीन वर्षीय कार्ययोजना के अंतर्गत दूरदर्शन का आधारभूत ढांचा बढ़ाने के लिए सहयोग दिया जा रहा है। सार्वजनिक क्षेत्र के प्रसारणकर्ता में आमूल परिवर्तन करने के लिए अत्याधुनिक वीडियो वॉल और स्पेक्ट्रम सक्षम सैटेलाइट उपकरण इस दिशा में एक कदम है। दूरदर्शन की भूमिका की सराहना करते हुए श्री जावडेकर ने कहा कि चैनल को विश्वसनीयता के साथ देखा जाता है। उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित अधिकारियो से डीडी फ्री डिश को वर्तमान में 3.25 करोड़ घरो से बढाकर 5 करोड़ घरो तक पंहुचाने के प्रति कार्य करने के लिए कहा। श्री जावडेकर ने शीघ्र ही दूरदर्शन में कार्यक्रम और उच्च गुणवत्ता के कार्यक्रम बनाने के लिए क्रियेटिव प्रमुख की तैनाती करने की घोषणा भी की।
इस अवसर पर अपने संबोधन में सूचना और प्रसारण सचिव श्री अमित खरे ने कहा कि सरकार दूरदर्शन और आकाशवाणी की देश के हर कोने तक पहुंच समक्ष करने के लिए हरसंभव सहायता करने के लिए तैयार है।
प्रसार भारती के अध्यक्ष ए सूर्य प्रकाश ने इस अवसर पर दूरदर्शन के प्रयासो की सराहना की और कहा कि हाल ही में प्रभावी और सार्थक कार्यक्रम बनाए गए हैं,जिसने केंद्र सरकार की प्रमुख योजनाओ को लोगो तक पंहुचाया है।
तीन वर्षीय योजना के अंतर्गत स्थापित की गई वीडियो वॉल की स्थापना में 10.75 करोड़ की लागत आई है और यह अंतर्राष्ट्रीय प्रसारणकर्ताओ के स्टूडियो के समकक्ष है। वीडियो वॉल की शुरूआत से सेट को जमीनी रूप से खड़ा करने में लगने वाले समय में काफी बचत होगी। इससे कार्यक्रम की आवश्यतानुसार स्टूडियो सेट में लाइव/रिकार्ड किए गए वीडियो और ग्राफिक्स आदि प्रयोग किए जा सकेंगे।
स्पेक्ट्रम योग्य प्रौद्योगिकी पर आधारित अर्थ स्टेशन द्वारा समान बैंडविथ में दोगुना चैनल का प्रयोग संभव होगा। नवीनतम अर्थस्टेशन एचडी क्षमता योग्य है और इससे दूरदर्शन के सभी चैनलो का एचडी प्रसारण किया जा सकेगा। इस अत्याधुनिक अर्थ स्टेशन से दूरदर्शन को अपने चैनलो को टैलीपोर्ट करने में बचत होगी और इससे डीडी बुके में नए चैनलो को शामिल किया जा सकेगा।
दूरदर्शन केंद्र दिल्ली के 9 चैनलो की सैटेलाइट अपलिंक सुविधा अर्थात अर्थ स्टेशन की शुरूआत 2007 में हुई थी। उस समय उपलब्ध प्रौद्योगिकी स्पेक्ट्रम सक्षम नहीं थी। उस समय डीवीबी-एस फारमेट में एमपीईजी-2 कंप्रेशन तकनीक का प्रयोग किया जाता था, जिससे लगभग प्रत्येक चैनल 4 मेगाहर्टज का प्रयोग ही संभव हो पाता था। पुराने उपकरणो को बदलने और बहुमूल्य स्पेक्ट्रम को बचाने के लिए अर्थ स्टेशन की कंप्रेशन चेन को अब अत्याधुनिक उपकरणों से बदला गया है। इसमें एमपीईजी-4 कंप्रेशन और डीवीबीएस-2 मानक का प्रयोग किया गया है, जिससे प्रत्येक चैनल बैंडविद्थ की आवश्यकता घटकर 2 मेगाहर्टज रह गयी है। स्पैक्ट्रम सक्षम प्रौद्योगिकी से अर्थ स्टेशन की क्षमता में बढोत्तरी होगी,जिसके परिणामस्वरूप समान बैंडविद्थ में लगभग दोगुना चैनल होंगे।