चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर परियोजना के तहत 5566 करोड़ रुपये की लागत से पलवल को सोनीपत से जोडऩे के लिए एक नई रेल परियोजना लागू करने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई।
मंत्रिमण्डल द्वारा एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इनवैस्टमेंट बैंक (एआईआईबी) से ईएपी लोन के रूप में 2800 करोड़ रुपये समेत 3340 करोड़ रुपये के ऋण हिस्से को भी मंजूरी प्रदान की गई। बैठक में हरियाणा रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन / भारत सरकार के साथ परामर्श के दौरान होने वाले किसी भी परिवर्तन या संशोधन अथवा हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर परियोजना के क्रियान्वयन में आने वाली कठिनाइयों या वाधाओं के लिए भी मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया।
निर्माण के दौरान ट्रांजिट ओरियंटिड डेवलपमेंट (टीओडी) से 795 करोड़ रुपये का अग्रिम राजस्व मानते हुए, शुद्ध लागत 4771 करोड़ रुपये अनुमानित है। इसमें से 70 प्रतिशत अर्थात 3340 करोड़ रुपये ऋण तथा 30 प्रतिशत अर्थात 1431 करोड़ रुपये इक्विटी होगी। कुल इक्विटी में से एचआरआईडीसी का इक्विटी शेयर 644 करोड़ रुपये, एचएसआईआईडीसी का 215 करोड़ रुपये, जीएमडीए का 71.5 करोड़ रुपये और निजी क्षेत्रों (मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड, ऑल कार्गो तथा जेएम बैक्सी ग्रुप समेत) का इक्विटी शेयर 500.5 करोड़ रुपये होगा।
एचआरआईडीसी की इक्विटी में से 315.56 करोड़ रुपये की इक्विटी भारतीय रेलवे द्वारा 328.44 करोड़ रुपये की इक्विटी राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई जाएगी।
पलवल से सोनीपत तक हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर परियोजना को हरियाणा रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है जो कि रेल मंत्रालय और राज्य सरकार का एक संयुक्त उद्यम है। परियोजना की कुल लंबाई 121.742 किलोमीटर है और निर्माण के दौरान भूमि अधिग्रहण और ब्याज सहित कुल परियोजना लागत 5,566 करोड़ रुपये है। इस पर 14 नए स्टेशनों और तीन मौजूदा स्टेशनों सहित 17 स्टेशन, 23 प्रमुख जलमार्ग पुल, 195 लघु जलमार्ग पुल और तीन रेल फ्लाईओवर होंगे। इसके अलावा, इस पर दो रोड ओवर ब्रिज और 153 रोड अंडर ब्रिज होंगे।
यह रेल कॉरिडोर इस मार्ग पर यात्री ट्रेनों को चलाना सक्षम बनाएगा जो दिल्ली को बाईपास करते हुए गुरुग्राम क्षेत्र को सीधे राज्य की राजधानी चंडीगढ़ से जोड़ेगा और इससे यात्रा में समय भी कम लगेगा। साथ ही, यह दिल्ली को बाईपास करते हुए इस मार्ग पर शताब्दी सुपरफास्ट एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों को चलाने में सक्षम बनाएगा ताकि राज्य के लोगों को तेज, विश्वसनीय, सुरक्षित और आरामदायक यात्रा सुविधा प्रदान की जा सके। इसके अलावा, इस परियोजना से गुरुग्राम या फरीदाबाद से राज्य के विभिन्न भागों के लिए ट्रेन चलाने की सुविधा होगी।
यह परियोजना दिल्ली न जाने वाले माल वाहनों के लिए मार्ग परिवर्तन की सुविधा भी प्रदान करेगी और हरियाणा के एनसीआर क्षेत्र में मल्टीमॉडल हब विकसित करने में मदद करेगी। इससे राज्य के असेवित (अनसर्वड) क्षेत्र खुलेेंगे, जिससे राज्य की आर्थिक और सामाजिक गतिविधि बढ़ेगी।
यह परियोजना आदर्श रूप से वाणिज्यिक वित्त पोषण मॉडल के अनुकूल है। इस परियोजना के प्रति प्रमुख सरकारी हितधारकों और परियोजना क्षेत्र के प्रमुख उद्योगों ने गहरी रुचि दिखाई है। हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं आधारभूत संरचना विकास निगम और गुरुग्राम के स्थानीय शासी निकाय, गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण ने हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर परियोजना में इक्विटी शेयरधारकों के रूप में भाग लेने की पुष्टि की है। मारुति सुजुकी, ऑल कार्गो लॉजिस्टिक्स और जेएम बैक्सी ग्रुप जैसी निजी कंपनियों ने भी इक्विटी योगदान के साथ परियोजना में अपनी रुचि व्यक्त की है।
नया पद सृजित करने के प्रस्ताव को स्वीकृति
मंत्रिमंडल की बैठक में इंजीनियर-इन-चीफ (ईआईसी), भवन का एक नया पद सृजित करने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई।
वे समन्वय और भवनों से संबंधित कोर्ट केस के साथ-साथ भवनों से संबंधित कार्य भी देखेंगे।
मंत्रिमंडल ने यह भी निर्णय लिया है कि इंजीनियर-इन-चीफ, लोक निर्माण (भवन एवं सडक़ेें) विभाग के मौजूदा पद को इंजीनियर-इन-चीफ, सडक़ें के रूप में पुन: पदनामित किया जाएगा, जो सडक़ों एवं पुलों का कार्य और इन दोनों विषयों से संबंधित कोर्ट केस तथा विभाग के सभी शेष मुद्दों या कार्यों को देखेंगे।
यह भी निर्णय लिया गया है कि मुख्यमंत्री किसी भी समय इन दोनों इंजीनियर-इन-चीफ में से किसी एक को स्थापना कार्य आवंटित करने तथा उसे विभागाध्यक्ष बनाने के लिए अधिकृत होंगे।
खेल विश्वविद्यालय की स्थापना
मंत्रिमंडल की बैठक में प्रदेश में खेल विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु हरियाणा खेल विश्वविद्यालय बिल बनाने के खेल एवं युवा मामले विभाग के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई।
हरियाणा खेल विश्वविद्यालय प्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय मानकों को पूरा करने वाला पहला सम्पूर्ण खेल विश्वविद्यालय होगा। इस समय खेल विज्ञान, खेल प्रौद्योगिकी, खेल प्रबन्धन, उच्च प्रदर्शन प्रशिक्षण जैसे विभिन्न क्षेत्रों में खेल परिवेश में रिक्तता विद्यमान है। इसलिए हरियाणा खेल विश्वविद्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया गया है, जो खेल विज्ञान, खेल प्रौद्योगिकी, खेल प्रबन्धन और अनुसंधान तथा खेलों से सम्बंधित विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण के क्षेत्र में खेल शिक्षा के प्रोत्साहन पर अपना समग्र ध्यान केन्द्रित करके इस रिक्तता को भरने का काम करेगा।
खेल विज्ञान, खेल चिकित्सा और खेल प्रौद्योगिकी में नवीनतम शोधों पर आधारित अनुप्रयोज्यता (एप्लीकेबिलिटी) पर बल देकर बहुसंकाय अध्ययन इस विश्वविद्यालय का केन्द्र बिन्दु होगा। विश्वविद्यालय को दूरस्थ परिसर स्थापित करने के लिए भी सशक्त बनाया गया है। शैक्षणिक कार्यक्रमों तथा अनुसंधान के अतिरिक्त, यह विश्वविद्यालय और इसके दूरस्थ परिसर उत्कृष्ट एथलीट्स, खेल अधिकारियों व कर्मचारियों, रैफरियों और अम्पायरों को प्रशिक्षण भी देंगे और खेल के विभिन्न संकायों में उत्कृष्टता केन्द्र विकसित करेंगे।
हरियाणा पालिका अधिनियम, 1973 में संशोधन को स्वीकृति
मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा पालिका अधिनियम, 1973 में संशोधन को स्वीकृति प्रदान की गई।
संशोधन के अनुसार, नगर परिषदों और नगर पालिकाओं में अध्यक्ष का चुनाव अब नगर निगमों के मेयर के चुनाव की तर्ज पर राज्य निर्वाचन आयोग के पर्यवेक्षण और नियंत्रण में पात्र मतदाताओं द्वारा सीधा करवाया जाएगा। अधिनियम में यह भी प्रावधान किया गया है कि हाउस ऑफ द पीपल तथा किसी राज्य की विधानसभा के सदस्यों को नगर निगम की तरह इस चुनाव तथा उपाध्यक्ष के अविश्वास प्रस्ताव में मतदान का अधिकार नहीं होगा।
इसी प्रकार यह भी सुनिश्चित करने का प्रावधान किया गया है कि मौजूदा प्रावधानों के अतिरिक्त या पालिका अधिनियम की धारा 25 में वर्णित किसी भी बैठक के बजाय छ: महीने में एक बार कम से कम तीन दिन का सत्र बुलाया जाए। मंत्रिमंडल द्वारा इस उद्देश्य के लिए हरियाणा नगर निगम अधिनियम 1994 की धारा 52 को भी स्वीकृति प्रदान की गई।