रेल मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों पर लोकसभा में पीयूष गोयल ने दिया जवाब
नई दिल्ली,12 जुलाई (एएनएस)। संसद का बजट सत्र जारी है और इस दौरान रेल मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने लोकसभा में कहा कि रेलवे बजट पहले जनता को गुमराह करने के लिए होते थे, राजनीतिक लाभ के लिए नयी ट्रेनों के सपने दिखाए जाते थे। इसके अलावा गोयल ने कहा कि बार-बार कह चुके हैं कि रेलवे का निजीकरण नहीं किया जाएगा।
उन्होंने पूर्वर्ती मनमोहन सरकार की आलोचना करते हुए कहा की 2014 से पूर्व बरेली रेल कोच फैक्ट्री में एक भी कोच नहीं बना था। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद पहली बार 700 कोच का निर्माण किया गया और दूसरीं बार पीएम मोदी के आह्वान पर 1400 कोच का निर्माण किया गया जबकि उस फैक्ट्री की क्षमता केवल एक हाजर कोच के उत्पादन की है। उन्होंने कहा हम इस कोशिश में हैं कि इस फैक्ट्री में प्रति वर्ष 5 हजार कोच का निर्माण किया जाए जिससे यह विश्व की सबसे बड़ी रेल कोच फैक्ट्री के रूप में स्थापित हो सके। उन्होंने साफ कर दिया कि कांग्रेस नेता जिस प्रकार के दावे करते रहे हैं वह निर्मूल है। रेलवे के निजीकरण का कोई सवाल है नहीं उठता। उन्होंने स्पष्ट किया कि रेलवे में नए प्रोजेक्ट व तकनीक के लिए निवेश चाहिए। अगर किसी नए क्षेत्र में निवेश आता है तो उस लर विचार किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि रायबरेली की मॉडर्न कोच फैक्ट्री की क्षमता 5,000 तक हो, जिससे हमारे उद्योगों और व्यापार को बल मिले, तथा वहां से भारत के बने ट्रेन सेट और कोच पूरे विश्व में जायें।
रेल मंत्री ने संसद में नया कीर्तिमान स्थापित करने के लिए अध्यक्ष , सांसदों और मीडियाकर्मियों का धन्यवाद दिया। रेलमंत्री ने कहा कि इस चर्चा में मैं सौवें वक्ता के तौर पर बोल रहा हूं। कल 12 घंटे तक चली चर्चा में भाग लेने के लिए रेल मंत्री ने सबका धन्यवाद करते हुए कहा कि मेरा सौभाग्य है कि आषाढ़ी एकादशी के दिन मुझे जवाब देने का मौका मिला।
हमारी सरकार ने संरक्षा और सुरक्षा को प्राथमिकता दी है। 2009-10 का उदाहरण है। तब 2160 करोड़ रु सुरक्षा पर खर्च होता था। इस वर्ष में 5000 करोड़ यात्रियों की सुरक्षा पर खर्च करने वाले हैं। गोयल ने कहा कि रेल हादसों में लगातार कमी आई है।
रेल मंत्री ने 11 जुलाई, 2006 की मुंबई ट्रेन विस्फोट की घटना का हवाला देते हुए कहा कि यह इस सरकार के कार्यकाल के दौरान हुई होती तो प्रधानमंत्री मोदी ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया होता।
देश में 2004 से 2009 के बीच लगभग 206 दुर्घटना प्रति वर्ष होती थे। 2009 से 2011 के बीच यह 153 दुर्घटना प्रति वर्ष था, और हमारे समय में घटकर यह 100 से भी नीचे आ गया है।
रेल मंत्री ने लोकसभा में कहा कि रेलवे बजट पहले जनता को गुमराह करने के लिए होते थे, राजनीतिक लाभ के लिए नयी ट्रेनों के सपने दिखाए जाते थे। इसके अलावा गोयल ने कहा कि बार-बार कह चुके हैं कि रेलवे का निजीकरण नहीं किया जाएगा।
रेल मंत्री ने कहा कि आने वाले कुछ वर्षों में भारतीय रेल का ब्रॉडगेज नेटवर्क शत प्रतिशत विद्युतीकृत हो जायेगा, जिससे हजारों करोड़ का डीजल बचेगा, विदेशी मुद्रा बचेगी, साथ ही पर्यावरण में भी इसका बड़ा प्रभाव होगा।