नई दिल्ली। सरकारी नौकरी को लेकर लोगों में यह आम धारणा है कि उनकी नौकरी बिल्कुल सुरक्षित है और उन्हें नौकरी से निकाला नहीं जा सकता है। यही वजह है कि लोग प्राइवेट नौकरी की बजाए सरकारी नौकरी को तरजीह देते हैं। लेकिन अब ऐसा नहीं है।
सरकार अब उन सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की योजना बना रही है जो अपनी जिम्मेदारी का सही से वहन नहीं करते हैं। पिछले महीने 27 सरकारी अधिकारियों को उनका कार्यकाल पूरा होने से पहले रिटायर होने के लिए मजबूर किया गया था। जिसमे टैक्स डिपार्टमेंट के चीफ एवं प्रिंसिपल सेक्रेटरी स्तर तक के अधिकारी शामिल थे।
तमाम भ्रष्ट अधिकारी जिनके खिलाफ मामले लंबित हैं या उनके खिलाफ शिकायत है उन्हें भी समय से पहले रिटायर होने के लिए मजबूर किया या। एक मामले में जिसमे आयकर विभाग के अधिकारी जोकि रिटायर हो चुके थे, उनके खिलाफ सीबीआई ने केस दर्ज किया है। उनके घर में छापेमारी की गई, जहां से 2.47 करोड़ रुपए के गहने, 16.44 लाख रुपए कैश, महंगी घड़ियां जोकि 10 लाख रुपए तक की थी, साथ ही बैंक में जमा 1.30 करोड़ रुपए रिकवर किए गया।
डिपार्टमेंट ऑफ ट्रेनिंग एंड पर्सनल की ओर से हाल ही में जो निर्देश जारी किया गया है उसमे सभी सरकारी विभागों से कहा गया है कि वह हर महीने अपनी रिपोर्ट तैयार करें। इस रिपोर्ट में उन अधिकारियों की भी जानकारी दी जाए जिनकी सेवाएं समाप्त हो चुकी हैं और जो जिनकी कार्य की समीक्षा की गई है। निर्देश में कहा गया है कि सभी मंत्रालय, विभाग को डीओपीटी को रिपोर्ट करना है, उन्हें 1 जुलाई 2019 से हर महीने की 15 तारीख तक यह रिपोर्ट देनी है।