नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने गुजरात के पूर्व गृह मंत्री हरेन पांड्या की 2003 में अहमदाबाद में गोली मार कर हत्या किये जाने के मामले में शुक्रवार को 12 व्यक्तियों को दोषी ठहराया।
न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली केन्द्रीय जांच ब्यूरो और गुजरात सरकार की अपील पर यह फैसला सुनाया। उच्च न्यायालय ने इस हत्याकांड में इन सभी दोषियों को हत्या के आरोपों से मुक्त कर दिया था।
इस बीच, शीर्ष अदालत ने इस हत्याकांड की न्यायालय की निगरानी में नये सिरे से जांच कराने के लिये गैर सरकारी संगठन सेन्टर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटीगेशंस की याचिका खारिज करते हुये उस पर 50,000 रूपए का जुर्माना भी लगाया। पीठ ने कहा कि इस मामले में अब किसी और याचिका पर विचार नहीं किया जायेगा।
गुजरात उच्च न्यायालय ने इस हत्याकांड में 12 व्यक्तियों को हत्या के आरोपों से बरी करते हुये इन सभी को आपराधिक साजिश रचने, हत्या का प्रयास करने और आतंकवाद रोकथाम कानून (पोटा) के तहत अपराध के लिये दोषी ठहराने के निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा था।
निचली अदलात ने इन दोषियों को पांच साल से लेकर उम्र कैद तक की सजा सुनायी थी।
गुजरात में नरेन्द्र मोदी सरकार में गृह मंत्री हरेन पांड्या की 26 मार्च, 2003 को अहमदाबाद में लॉ गार्डन के पास सुबह की सैर के दौरान गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी।