गुरुग्राम आंतरिक समस्याओं से जूझ रहा है, जिनमें प्रमुख समस्या है पर्यावरण प्रदूषण : मोहित मदनलाल ग्रोवर
गुरुग्राम। हमारा सौभाग्य है कि गुरुग्राम को गुरु द्रोण की धरा के नाम से जाना जाता है। अपने सपनों को पूरा करने के लिए न जाने कितने लोग देश ही नहीं, अपितु विदेशों से आकर गुरुग्राम में कार्य कर रहे हैं। वर्षों की मेहनत व तपस्या से गुरुग्राम की धरा को सोने से कुंदन बनाया है, लेकिन आज गुरुग्राम आंतरिक समस्याओं से जूझ रहा है, जिनमें प्रमुख समस्या है पर्यावरण प्रदूषण की, जिसके कारण अनेकों बीमारियों का स्तर बढ़ता जा रहा है।
उक्त विचार युवा समाजसेवी मोहित मदनलाल ग्रोवर ने पर्यावरण प्रदूषण मुक्त शहर बनाने का बीड़ा उठाते हुए जैकबपुरा व अर्जुन नगर क्षेत्र में हर घर पौधा अभियान की शुरुआत करते हुए कही। इस अवसर पर उन्होंने लोगों को पौधे भी वितरित किए। उन्होंने कहा कि सभी को स्वच्छ रहने और स्वच्छ जीने का अधिकार है, लेकिन दूसरों की स्वच्छता का ध्यान रखना भी हमारा कर्तव्य है। सामूहिक रुप से गुरुग्राम को प्रदूषण मुक्त करने की आवश्यकता है। मां और पेड़-पौधों के अस्तित्व के कारण ही हमारा अस्तित्व है, वरना कुछ भी नहीं। प्रकृति का ऋण उतारने के लिए हर मनुष्य को जीवन में कम से कम 10 पौधे रोपित करने चाहिए, ताकि पर्यावरण का संतुलन बना रहे।
मोहित मदनलाल ग्रोवर ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग, प्राकृतिक आपदाओं और बदलते मौसम चक्र से पृथ्वी को काफी नुकसान हो रहा है। लगातार वृक्षों की कटाई हो रही है, जिससे पर्यावरण का संतुलन बिगड़ता जा रहा है। हम उस संस्कृति और परम्परा के वाहक हैं, जहां जल, थल, आकाश, जीव-निर्जीव तथा समस्त प्रकृति को पूज्य माना गया है। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि ऐसी किसी भी वस्तु का इस्तेमाल न करें, जिससे प्रकृति को नुकसान पहुंचता हो। प्रदूृषण को रोकने के लिए हमें लोगों को जागरुक करना होगा। इसमें युवा वर्ग की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। अधिक से अधिक पौधे रोपित करने चाहिए, प्लास्टिक से निर्मित वस्तुओं का प्रयोग नहीं करना चाहिए, जल का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए।
उन्होंने युवाओं से कहा कि यदि अपना कल सुरक्षित करना है तो हमें आज बदलना होगा। हर व्यक्ति को पौधा लगाने का संकल्प लेना चाहिए और अपने घर में होने वाले मांगलिक कार्यों को चिरस्थायी बनाने के लिए परिवार के सदस्यों के साथ पौधारोपण करना चाहिए। उन्होंने युवाओं का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि थोड़ा मैं आगे आता हूँ, थोड़ा आपको भी आगे आना होगा और गुरुग्राम को उन्नति के शिखर पर हमें मिलकर पहुंचाना होगा।