बाल अवस्था में हुआ प्रभु का अहसास जीवन भर आनंद देता है : बलदेव नागपाल

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संत निरंकारी मिशन दिल्ली साउथ जोन का बाल संत समागम

निरंकारी मिशन के सन्देश एवं शिक्षाओं पर आधरित कार्यक्रम की प्रस्तुति

सामाज-सुधार कार्यो के प्रति जागरूकता के लिए कला के माध्यम से एक प्रदर्शनी भी लगाई गई

बाल अवस्था में हुआ प्रभु का अहसास जीवन भर आनंद देता है : बलदेव नागपाल 2गुरुग्राम : बाल अवस्था में हुआ प्रभु का अहसास जीवन भर आनंद देता है। सद्गुरु पर विश्वास, सहजता, शुकराना, सहनशीलता आदि गुणों को जीवन में भर देता है। उक्त उदगार संत निरंकारी मिशन, दिल्ली के भिवानी जोन के जोनल इंचार्ज बलदेव नागपाल ने दिल्ली साउथ जोन के बाल संत समागम को संबोधित करते हुए व्यक्त किये।

उन्होंने कहा कि प्रभु को जानकर, इसके अहसास में जीवन सकून व सुखमय हो जाता हैं, प्रभु हमें हर पल देख रहा होता है और बच्चे को बचपन से यह अहसास हो जाता है तो वो बुरी आदतों से बच जाता है। माता-पिता बच्चे के साथ हर पल नहीं होते और न ही बच्चे की किसी हरकत को हर पल देख सकते हैं मगर ये प्रभु तो हर पल हमारे साथ होता है, यदि यह अहसास हो जाता है तो कोई गलत शरारत नहीं होती।बाल अवस्था में हुआ प्रभु का अहसास जीवन भर आनंद देता है : बलदेव नागपाल 3

प्रभु के अहसास को जीवन में लाने के लिए ही सत्संग में निरंतरता जरुरी है, यहां आने से प्रेम, नम्रता, मानवता व मिलवर्तन की भावनायें जागरूक होती हैं। जीवन जीने की सही दिशा सद्गुरु के मार्गदर्शन में सन्तो के संग से ही मिलती है। अच्छी मर्यादा, अच्छे संस्कार अच्छे संग और परिवेश से ही आते हैं और बच्चे बचपन से ही प्रभु परमात्मा से जुड़ जायें तो वे जीवन भर इसका आनंद लेते हैं।

बाल अवस्था में हुआ प्रभु का अहसास जीवन भर आनंद देता है : बलदेव नागपाल 4उन्होंने अपने बाल्य काल में मिली शिक्षा का उदाहरण देते हुए बताया कि मां ने मर्यादा का पालन करने, गुरुमत पर चलने, सद्गुरु के आदेश को मानने और किसी संत का दिल न दुखाने की शिक्षा दी। बचपन से ही निरंतर सत्संग से जोड़ा। हम बड़े भी सभी बच्चों को इसी तरह बचपन से सत्संग से जोड़े और शुरुआत से ही सत्संग से जुड़कर बच्चे अपने जीवन में अच्छे संस्कारों एवं गुणों से भरपूर हो जायेंगे।

बाल अवस्था में हुआ प्रभु का अहसास जीवन भर आनंद देता है : बलदेव नागपाल 5उन्होंने सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज की शिक्षाओं को याद करते हुए कहा कि बच्चो के अन्दर परोपकार में जीवन जीने का ढंग सत्संग में उपस्थित होने से होता है। यहां प्रेम, नम्रता, भाईचारे-मिलवर्तन, एकत्व, ख़ुशी व सेवा के भाव बच्चों के अन्दर प्रकट होते है।

बाल अवस्था में हुआ प्रभु का अहसास जीवन भर आनंद देता है : बलदेव नागपाल 6बाल संत समागम में बच्चों ने निरकारी मिशन के सन्देश एवं शिक्षाओं पर आधरित अनेक कार्यक्रम प्रस्तुत किये. उनकी प्रस्तुतियों में बच्चों नेबौद्धिक, शैक्षणिक, मानसिक व दैहिक क्षमता के विकास के साथ-साथ अपने जीवन में मर्यादा को अपनाने पर प्रकाश डाला। इस में नन्हे-मुन्ने बच्चोंने कला व संगीत के माध्यम से अपनी-अपनी रचना, भजन, वक्तव्य, कविता, सामूहिक हरदेव बाणी गायन, माइम व नाटक आदि हिंदी, पंजाबी व् अंग्रेजी भाषा में प्रस्तुत किये। इसमें  मानव कल्याण, आपसी सहयोग, मिलवर्तन, सेवा भाव, एक-दुसरे का आदर-सत्कार, मोबाइल संतुलन आदि अनेकों प्रस्तुतियां रही।

निरंकारी मिशन द्वारा संसार में किये जाने वाले सामाज-सुधार कार्यो को कला के माध्यम से एक प्रदर्शनी भी लगाई गई।

बाल अवस्था में हुआ प्रभु का अहसास जीवन भर आनंद देता है : बलदेव नागपाल 7इस बाल समागम में गुरुग्राम, फरीदाबाद सहित दिल्ली साउथ जोन के सभी सेक्टर और ब्रांचों ने भाग लिया, इसमें लाजपत नगर, गोबिंद पुरी, बदरपुर, कोटला मुबारिकपुर, मालवीय नगर, वसंत कुंज, फरीदाबाद एवं गुरुग्राम के अन्य क्षेत्रों से आये बाल संगत के बच्चों ने हरदेव बाणी के माध्यम से भक्ति में मर्यादा का संदेश दिया।

इस बाल संत समागम में दिल्ली साउथ जोन के जोनल इंचार्ज एवं गुरुग्राम के संयोजक एमसी नागपाल ने सभी को आभार व्यक्त किया। मंच संचालन बाल संतो ने ही किया।बाल अवस्था में हुआ प्रभु का अहसास जीवन भर आनंद देता है : बलदेव नागपाल 8

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