निगम क्षेत्र में 1838 बल्क वेस्ट जनरेटर चिन्हित जिनमें से 864 को नोटिस जारी
निगम क्षेत्र में 340 वेस्ट रिसायकलर/कबाड़ी चिन्हित किए गए थे जिनमें से 270 का पंजीकरण
गुरूग्राम, 18 जून। नगर निगम गुरूग्राम के आयुक्त विनय सिंह ने मंगलवार को अधिकारियों के साथ बैठक करके सॉलिड वेस्ट, सीएंडडी वेस्ट, प्लास्टिक वेस्ट, ई-वेस्ट तथा घरेलू हानिकारक कचरे के प्रबंधन की समीक्षा की।
बैठक में बताया गया कि ठोस कचरा प्रबंधन नियम-2016 की पालना में प्रतिदिन 50 किलोग्राम या उससे अधिक कचरा उत्पन्न करने वालों को बल्क वेस्ट जनरेटर की श्रेणी में रखा गया है। नियम के अनुसार बल्क वेस्ट जनरेटर को उनके यहां उत्पन्न होने वाले कचरे का अपने स्तर पर ही समाधान करना अनिवार्य है। नगर निगम गुरूग्राम द्वारा निगम क्षेत्र में 1838 बल्क वेस्ट जनरेटर चिन्हित किए गए थे, जिनमें से 864 को नोटिस जारी किए गए हैं। इसके साथ ही बल्क वेस्ट जनरेटर को उनके यहां कंपोस्टिंग प्लांट लगाने बारे कहा गया है और इसके लिए 11 एजेंसियां एम्पैनल की गई हैं। इन एजेंसियों की सर्विस और मशीनरी के लिए दरें भी नगर निगम द्वारा निर्धारित की गई हैं।
इस पर निगमायुक्त ने अधिकारियों से कहा कि वे बल्क वेस्ट जनरेटरों को उनके यहां कंपोस्टिंग प्लांट लगाने के लिए एनफोर्स करें। अगर उनके परिसर में जगह नहीं है, तो कॉमन कंपोस्टिंग प्लांट लगवाएं। बैठक में निगमायुक्त ने डोर-टू-डोर कचरा एकत्रित करने की व्यवस्था को शत-प्रतिशत करने के निर्देश दिए तथा कहा कि नागरिकों को इस बारे में जागरूक करें कि वे अपने घर से ही गीला और सूखा कचरा अलग-अलग करना शुरू करें। क्योंकि 1 जुलाई से नगर निगम गुरूग्राम मिश्रित कचरा नहीं उठाएगा तथा अगर कोई व्यक्ति कचरा अलग-अलग नहीं करता है, तो उस पर नियमानुसार जुर्माना भी लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि ठोस कचरा प्रबंधन नियम-2016 के तहत कचरा अलग-अलग करना भी कचरा उत्पादक की ही जिम्मेदारी है।
निगमायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कहीं पर भी अवैध कचरा नहीं डाला जाना चाहिए तथा अगर कहीं पर हो रही है, तो उसका समाधान जल्द से जल्द करवाएं। मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी के बारे में बताया गया कि नगर निगम क्षेत्र में 340 वेस्ट रिसायकलर अर्थात कबाड़ी चिन्हित किए गए थे, जिनमें से 270 का पंजीकरण किया जा चुका है। निगमायुक्त ने कहा कि शेष का भी पंजीकरण करें तथा अगर अन्य भी हैं, तो उनकी भी पहचान करवाएं। उन्होंने कहा कि सभी दुकानदार एवं रेहड़ी-पटरी विक्रेता अपने यहां दो डस्टबिन रखें तथा कचरा उठाने वाली गाड़ी में ही कचरा डालें। इधर-उधर कचरा डालने वालों के चालान किए जाएंगे तथा अन्य दंडात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
सीएंडडी वेस्ट अर्थात मलबे के बारे में बैठक में बताया गया कि आईएलएंडएफएस कंपनी को गांव बसई में सीएंडडी वेस्ट मैनेजमैंट के लिए जमीन दी गई है। कंपनी द्वारा वहां पर प्लांट की स्थापना करने की प्रक्रिया की जा रही है। कंपनी को जल्द से जल्द प्लांट स्थापित करने बारे कहा जा रहा है। इसके साथ ही दो मोबाइल यूनिट की व्यवस्था की जा रही है। ये मोबाइल यूनिट सीएंडडी वेस्ट डंपिंग साईटों पर जाकर मलबे का निस्तारण करेंगी। बैठक में बताया गया कि मलबे की अवैध डंपिंग पर अंकुश लगाने के लिए टीमें कार्य कर रही हैं तथा टीमों ने 120 लोगों के चालान किए हैं। इसके साथ ही डोर-टू-डोर सीएंडडी वेस्ट उठान के लिए एजेंसियों को एम्पैनल किया गया है। नगर निगम के टोल फ्री नंबर 1800-180-1817 पर कॉल करके कोई भी व्यक्ति सीएंडडी वेस्ट के उठान की सेवाएं प्राप्त कर सकता है।
प्लास्टिक वेस्ट के बारे में बताया गया कि बिटुमन सडक़ों के निर्माण में प्लास्टिक वेस्ट का मिश्रण करना अनिवार्य किया गया है। इसके लिए बेगमपुर खटोला में 10 टन प्रतिदिन की क्षमता वाला प्लास्टिक श्रेडिंग सैंटर स्थापित किया गया है। अब प्लास्टिक खरीद सैंटर स्थापित किए जाएंगे, जहां पर कोई भी व्यक्ति 6 रूपए प्रतिकिलोग्राम की दर से प्लास्टिक बेच सकता है। यहां पर निगमायुक्त ने कहा कि इकोग्रीन एनर्जी द्वारा बनाए गए वेस्ट ट्रांसफर स्टेशनों पर प्लास्टिक खरीद सैंटर बनाने की प्रक्रिया की जाए। ई-वेस्ट के बारे में बताया गया कि देशवाल ई-वेस्ट मैनेजमैंट को इसके लिए एम्पैनल किया गया है। इसके साथ ही घरेलू हानिकारक कचरे के लिए बायोटेक वेस्ट मैनेजमैंट के साथ एमओयू हुआ है। घरेलू हानिकारक कचरे को एकत्रित करने के लिए इकोग्रीन की गाडिय़ों में व्यवस्था की गई है।
बैठक में अतिरिक्त निगमायुक्त मुनीष शर्मा, एडीशनल म्यूनिसिपल कमिशनर वाईएस गुप्ता, संयुक्त निगमायुक्त मुकेश सोलंकी, गौरव अंतिल, हरीओम अत्री एवं इन्द्रजीत कुल्हडिय़ा, स्वच्छता सलाहकार नरेश पंकज, प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमैंट सलाहकार इन्द्रपाल बिश्रोई सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।