गुरुग्राम। गुरुग्राम पुलिस ने पॉलिसी बाजार के नाम पर फर्जी कॉल के माध्यम से लोगों से पॉलिसी करने के नाम पर पैसे ठगने का पर्दाफाश किया है। ग्रहको को व्हाट्सएप व ईमेल पर पॉलिसी की फर्जी रिसीप्ट देने वाले 2 शातिर आरोपियों को थाना साईबर अपराध, गुरुग्राम की पुलिस टीम ने गिराफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आरोपियों द्वारा धोखाधड़ी में प्रयोग किए गए मोबाईल फोन, लैपटॉप, कॉलिंग डाटा, अन्य दस्तावेज और लोगों से ठगी गई कुछ राशि भी बरामद की है । इस गिरफ्तारी से सैकड़ो वारदातों को अन्जाम देने का किया खुलाशा हुआ है।
गुरुग्राम पुलिस के पी आर ओ सुभाष बोकन के अनुसार थाना साईबर अपराध, गुरुग्राम में नमिता सुखिजा C/o Policy Bazaar, Sector 44, Gurugram ने एक लिखित शिकायत के माध्यम से बतलाया कि उनकी कंपनी IRDA की regulation के अनुसार Insurance Web Aggregator का काम करती है। माह दिसम्बर 2018 में उनकी कंपनी के ग्राहकों ने कंपनी की Enquiry mail ID पर मेल के माध्यम से शिकायत भेजना शुरू किया की उन्होने कुछ समय पहले ऑनलाइन पॉलिसी Policy Bazaar के माध्यम से करवाई थी परंतु उन्हे अब तक कोई पॉलिसी की रिसीप्ट हार्ड कॉपी के रूप में नहीं मिली है। उसके बाद जब Policy Bazaar कंपनी ने अपना रिकॉर्ड चेक किया तो ज्ञात हुआ की कंपनी ने कभी उन ग्राहकों की पॉलिसी की ही नहीं है और ना ही कंपनी द्वारा उन ग्राहकों से पैसे लिए गए।
उक्त शिकायत पर थाना साईबर अपराध, गुरुग्राम में दिनाँक 26.04.2019 को अभियोग संख्या 25 धारा 420 IPC व 66D IT Act के तहत मामला दर्ज किया गया।
उक्त अभियोग में थाना साईबर अपराध, गुरुग्राम की पुलिस टीम ने कार्यवाही करते हुए Policy Bazaar कंपनी के पास जिन 25-30 व्यक्तियों ने शिकायत करते हुए मेल भेजी थी। उनके अनुसार उनसे पेमेंट Paytm, UPI और Gateway के माध्यम से तथा कुछ बैंक खातों में भी पैसे डलवाने पाए गए।
इसके अलावा काफी मोबाइल नंबरों से पीड़ितों के पास कॉलिंग की गई है। पीड़ितों से पैसे लेने के बाद फर्जी पॉलिसी की सॉफ्ट कॉपी Whats app व Mail ID के माध्यम से भेजी गई है। उक्त अभियोग का अनुसंधान करते हुए उक्त अभियोग में शिकायतकर्ता के माध्यम से प्राप्त की गई डिटेल के अनुसार बैंक रिकॉर्ड, कॉलिंग नंबर, Mail ID डिटेल आदि से संबन्धित तकनीकी रिकॉर्ड प्राप्त किया गया।
मामले की खास बातें :
▪थाना साईबर अपराध की पुलिस टीम द्वारा उक्त रिकॉर्ड एकत्रित करके पुलिस तकनीकी का प्रयोग करते हुए उपरोक्त अभियोग में निम्नलिखित 02 आरोपियों को दिनांक 10.06.2019 को अजय एन्क्लेव सुभाष नगर, दिल्ली से काबू करने में बड़ी सफलता हासिल की है:-
*1. अविनाश कुमार झा पुत्र त्रिलोकी नाथ झा निवासी गाँव मठिया पाँच मोहलिया थाना मोहलिया जिला रौताहट नेपाल हाल किराएदार सैक्टर-7, रोहिणी, दिल्ली, आधार कार्ड में दिया गया पता – प्लॉट नंबर 72, जैन कॉलोनी, पार्ट 1, उत्तम नगर, दिल्ली तथा एक अन्य पता गाँव व थाना कुंडवा चैनपुर, पूर्वी चंपारण, बिहार।*
*2. महेंद्र सिंह राजपूत पुत्र विक्रम सिंह राजपूत वासी सुधारनपाड़ा थाना बाँदी कुई, राजस्थान हाल किराएदार सैक्टर 7, रोहिणी, दिल्ली।*
▪उक्त आरोपियों को उपरोक्त अभियोग में नियमानुसार गिरफ्तार किया गया तथा दिनाँक 11.06.2019 को माननीय अदालत के सम्मुख पेश करके 03 दिन के पुलिस हिरासत रिमाण्ड पर लिया गया।
▪पुलिस हिरासत रिमांड के दौरान उक्त आरोपियों से पुलिस पूछताछ में ज्ञात हुआ की इस धोखाधड़ी/ठगी के मामले का उक्त आरोपी अविनाश झा मुख्य मास्टरमाइंड/साजिशकर्ता अविनाश झा है जिसने नेपाल से 10वी, विशाखापट्नम से 10+2 तथा जयपुर राजस्थान के एक संस्थान से B.Tech. की डिग्री की है। पढ़ाई पूरी करने के बाद वर्ष 2017 में इसने एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी की थी। इसी दौरान इसकी मुलाकात अन्य कई लड़कों से हुई जिनमें से एक के साथ मिलकर इसने इस प्रकार की ठगी करने की योजना बनाई। योजना के अनुसार गांव तिहाड़ दिल्ली में जगह किराए पर लेकर एक कॉल सेंटर स्थापित किया तथा अगस्त 2018 से इस गोरखधंधे की शुरुआत कर दी। जब ठगी का इनका यह काम चल निकला तो कुछ समय बाद इन्होंने गांव तिहाड़ में ही एक और कॉल सेंटर स्थापित कर दिया। पुलिस की पकड़ से बचने के लिए योजनाबद्ध तरीके से इन्होंने पीतमपुरा दिल्ली के नेताजी सुभाष पैलेस में किराए पर जगह लेकर माह मई 2019 में एक नया कॉल सेंटर बनाकर चालू कर दिया। कॉल सेंटर में कार्यरत अपने कर्मचारियों से ये लोग कहते थे कि काम बढ़ गया है इसलिए ये लोग 150-200 सीट का बड़ा कॉल सेंटर स्थापित करने की योजना बना रहे हैं और ये जगह बदल-बदल कर कॉल सेंटर खोलकर Policy Bazaar के नाम पर लोगों से Insurance policy के नाम पर ऑनलाइन पैसे लेता था और उनको मेल और whatsapp के माध्यम से फर्जी पॉलिसी भेजता था। इसने दिल्ली में तिहाड़ गाँव में 01 कॉल सेंटर खोला था जो अब बंद कर चुका है, NSP पीतमपुरा में एक कॉल सेंटर चालू हालत में मिला। उक्त आरोपी अविनाश झा ने जयपुर में रहकर पढ़ाई की थी इसलिए एक कॉल सेंटर इसने जयपुर के झोटवाड़ा इलाके में भी स्थापित कर लिया था। वहां बहुत अधिक काम नहीं हुआ इसलिए वह कॉल सेंटर इसने बन्द कर दिया था।
▪उक्त द्वारा कॉल सेंटर में अधिकतर लड़कियों को नौकरी 10-12 हजार से लेकर 20 हजार रुपये तक सैलरी रखता था। इनके कॉल सेंटर में टेलीकॉलर के रूप में काम करने वाले लड़के/लड़कियों को इन्होंने बता रखा था कि इनका *पॉलिसी बाजार* कंपनी से कॉन्ट्रैक्ट है तथा इन्होंने उसकी फ्रेंचाइजी ले रखी है तथा उसी के लिए काम करते हैं।
▪उक्त आरोपियों से पुलिस पूछताछ में यह भी बतलाया कि वे Just Dial कम्पनी से insurance Data ले लेते थे इस Data में उन्हें गाड़ी का नंबर, गाड़ी के मालिक का नाम व मोबाईल नम्बर इत्यादि मिल जाते थे। इस Data से प्राप्त हुए लोगों के मोबाईल नम्बर पर फोनक करके वे लोगों से अपना परिचय Policy Bazar की और से बात करने वाले प्रवक्ता के रूप में देते और उन्हें अलग-अलग इन्सुरेंस कम्पनी की पॉलिसी कराने के लुभावने ऑफर देते थे, ग्राहक जब किसी कंपनी की पॉलिसी करवाने के लिए तैयार हो जाते तो इनके पास पहले से तैयार उसी कम्पनी के फॉरमेट में ग्राहक का नाम व गाड़ी की डिटेल इत्यादि उसमें Edit करके Fill कर देते थे और तैयार की गई फर्जी पॉलिसी रिसीप्ट को ग्राहक को व्हाट्सएप व ईमेल के माध्यम से उन्हें भेज देते थे और कहते थे कि उन्हें पॉलिसी की हार्ड कॉपी अगले 5/7 दिनों में मिल जाएगी। उनके द्वारा *इस प्रकार की सैकड़ो वारदातों को अन्जाम देने का भी खुलाशा* किया है और पोलिसी करने के नाम पर ये लोग अब तक 50 लाख से भी अधिक रुपये लोगों से ठग चुके हैं। इसके साथी अभी पकड़ से बाहर हैं तथा यह आंकड़ा और अधिक भी हो सकता है।
*▪ उक्त आरोपियों द्वारा उक्त धोखाधड़ी/ठगी की वारदातों के लिए प्रयोग किए गए मोबाईल फोन, लैपटॉप, कॉलिंग डाटा, अन्य दस्तावेज़ और लोगों से ठगी गई कुल नगदी बरामद की है।* इस फर्जीवाड़े में शामिल अन्य आरोपियों व वारदातों के बारे में जानकारी लेने के लिए पुलिस टीम द्वारा सभी रिकॉर्ड व दस्तावेजों का गहनता से अध्ययन किया जा रहा है तथा इस मामले की पहलू से जाँच की जा रही है। जिस प्रकार के तथ्य सामने आएंगे नियमानुसार आगामी पुलिस कार्यवाही की जाएगी।
▪उक्त आरोपियों को कल दिनांक 14.06.2019 को पुनः माननीय अदालत के सम्मुख पेश करके न्यायिक हिरासत में भेजा गया। जो अभियोग में अनुसंधान जारी है।