ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने पीएम मोदी को भेजा मानहानि नोटिस जबकि ममता ने इलेक्शन कमीशन को लिखा पत्र

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कोलकाता । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने वकील की मदद से मानहानि का नोटिस भेजा है। अभिषेक बनर्जी ने पीएम मोदी पर 15 मई को डायमंड हार्बर में जनसभा के दौरान आपत्तिजनक टिप्पणी करने की बात कही है। लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के बीच तल्खी की दिशा में यह नई खबर सामने आई है।

कोलकाता में अमित शाह के रोड शो में हिंसा के बाद चुनाव आयोग ने दखल देते हुए पश्चिम बंगाल में अंतिम दौर के मतदान के लिए चुनाव प्रचार को छोटा कर दिया था। टीएमसी में नंबर दो माने जाने वाले सांसद अभिषेक बनर्जी डायमंड हार्बर सीट से दोबारा चुनाव लड़ रहे हैं, जहां उनका मुकाबला भाजपा के नीलांजन रॉय के खिलाफ है। अभिषेक बनर्जी पर तीखा हमला करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि वह इस बार चुनाव हार जाएंगे और चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद, उनके कार्यालय पर ताला लग जाएगा।

डायमंड हार्बर में मोदी ने कहा था, ‘पश्चिम बंगाल में बुआ-भतीजा की सरकार चल रही है।’ लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण में 19 मई को पश्चिम बंगाल की 9 सीटों – दम दम, बरसात, बशीरहाट, जयनगर, मथुरापुर, जादवपुर, डायमंड हार्बर, दक्षिण और उत्तरी कोलकाता पर मतदान होने हैं। 23 मई को लोकसभा चुनाव के परिणाम घोषित किए जाएंगे।

दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज चुनाव आयोग को पत्र लिखकर राज्य में बीजेपी के हस्तक्षेप के बिना शांतिपूर्ण और निष्पक्ष ढंग से चुनाव संपन्न कराया जाना सुनिश्चित किये जाने का आग्रह किया।

तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख बनर्जी ने कहा, ”चुनाव आयोग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि रविवार को होने वाला मतदान ‘केन्द्र सरकार के अनुचित हस्तक्षेप’ और ‘केन्द्र में सत्तारूढ़ पार्टी के हस्तक्षेप’ के बिना संपन्न हो।”

बनर्जी ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा को लिखे पत्र में कहा, ”लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण का कल मतदान है, मैं आपके कार्यालय से अनुरोध करूंगी कि चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से, निष्पक्ष रूप से और केंद्र सरकार के किसी भी अनुचित हस्तक्षेप और केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा किसी भी हस्तक्षेप के बिना पूरा कराया जाये।” ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग से ”देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं और संघीय ढांचे की रक्षा करने और विपक्षी दलों के प्रति उचित सम्मान बढ़ाने” का अनुरोध किया।

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