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हरियाणा कला परिषद व बिहार सरकार का संयुक्त प्रयास
गुरूग्राम लघु भारत का स्वरूप : जिन्दल
गुरुग्राम : पांच दिवसीय छठ महोत्सव का शुभारम्भ शनिवार को एकलव्य तीर्थ में बड़े ही उत्साह के साथ हुआ । मुख्यातिथि के रूप में पहुँचे राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के प्रान्त सह-संघचालक, पवन जिन्दल ने कहा कि गुरूग्राम एक लघु भारत का स्वरूप है, जहां विभिन्न संस्कृतियों को मानने वाले लोग रहते हैं सभी संस्कृतियों के पर्व एवं त्यौहार अनेकता में एकता का सन्देश देते हैं ।
उन्होंने कहा कि कला के माध्यम से संस्कार भारती पूरे देश भर में संस्कार जागरण का महत्वपूर्ण कार्य कर रही है । ऐसे पर्वों के माध्यम से संस्कार भारती भारतीय कला व संस्कृति को उठाने का कार्य कर रही है जो प्रशंसनीय है । यह सराहनीय है कि हरियाणा सरकार की स्वायत्त संस्था हरियाणा कला परिषद ने प्रथम बार बिहार सरकार के साथ यह प्रयास साझा किया है । इसके लिए हम दोनों सरकारों का धन्यवाद करते हैं ।
लोकनृत्य व संगीत
प्रथम दिन पटना से आई स्वरांगन सांस्कृतिक कल्याण सेवा संस्थान पटना की टीम द्वारा लोकनृत्य व संगीत की प्रस्तुतियां दी गई । प्रस्तुतियां देखकर दर्शक भाव-विभोर हो गये । बादल भई अधियारी, बदरिया छाई हो रामा, बैरल कोयलिया, जय-जय भैरवी जैसे गीतों पर कलाकारों ने नृत्य कर समां बांधा ।
गौरतलब है कि गुरूग्राम में बिहार व झारखण्ड के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं । स्वर्ण-जयन्ती वर्ष पर आयोजित इस पर्व पर पहली दफा हरियाणा सरकार के द्वारा पूर्वांचल वासियों के लिए यह पहल की गई है जिसमें बिहार सरकार द्वारा पूर्वांचलवासियों के मनोरंजन के लिए अपने कलाकार भेजे हैं ।
आज के कार्यक्रम में प्रमुख रूप से नेचर इंटरनेशनल के अध्यक्ष शरद गोयल, स्वामी भक्ति स्वरूपानन्द गौ सेवा न्यास के अध्यक्ष पूरन यादव लोहचब, भाजपा जिला अध्यक्ष भूपेन्द्र चैहान, वरिष्ठ समाजसेवी भीमसेन सलूजा व प्रख्यात् कवयित्री वीणा अग्रवाल उपस्थित रहे । हरियाणा कला परिषद के निदेशक अजय सिहंल ने सभी को स्मृति चिन्ह व स्वर्ण-जयन्ती अंकित गमछा प्रदान कर सम्मानित किया ।