हरियाणा में पहली बार प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में सखी मतदान केंद्र बनाए जाएंगे

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सखी मतदान केंद्र का संचालन केवल महिलाओं द्वारा किया जाएगा

 
चंडीगढ़ :  हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी राजीव रंजन ने कहा कि महिला सशक्तिकरण का संदेश देने के लिए हरियाणा में पहली बार प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में सखी मतदान केंद्र बनाए जाएंगे, जिनका संचालन केवल महिलाओं द्वारा किया जाएगा। इन सखी मतदन केंद्रों पर कोई भी पुरुष कर्मी नहीं होगा। इस पहल से यह संदेश जाएगा कि महिलाएं न केवल चुनाव में भाग ले सकती हैं बल्कि चुनाव को भी बहुत अच्छी तरीके से करवा सकती हैं।
 
श्री रंजन ने आज यहां जानकारी देते हुए बताया कि लोकतंत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए व्यापक कदम उठाए जा रहे हैं। इस बार महिलाओं की मतदान प्रतिशतता बढ़े इसके लिए महिलाओं को जागरुक करने के लिए निरंतर कार्यकम चलाए जा रहे हैं।
 
उन्हांने कहा कि प्रत्येक मतदान केंद्र पर महिलाओं के लिए अलग लाइन की व्यवस्था होगी। जो महिलाएं प्रसव के नजदीक हैं और जो महिलाओं 3 साल से कम बच्चे के साथ मतदान करने आएंगी  उन महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी और पहले वोट डालने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन मतदान केंद्रों पर लाइन में महिलाओं की संख्या 15 से ज्यादा होगी, वहां एक पुरुष के बाद दो महिलाओं को वोट डलवाया जाएगा ताकि महिलाओं को ज्यादा देर तक गर्मी में खड़ा न रहना पड़े। मतदान स्थल पर महिला शौचालय की भी सुविधा रहेगी। 
 
उन्होंने कहा कि दिव्यांग महिलाओं के लिए मतदान केंद्र तक लाने और वापिस घर छोडऩे के लिए वाहन की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। यदि किसी महिला को व्हीलचेयर की भी आवश्यकता होगी तो व्हीलचेयर भी उपलब्ध करवाई जाएगी। प्रत्येक मतदान केंद्र पर रैम्प की व्यवस्था भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था एवं सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये जाएंगे ताकि महिलाएं बिना किसी संकोच और भय के बड़ी संख्या में मतदान करने आगे आएं। 
 
उन्होंने कहा कि स्वीप कार्यक्रम के तहत स्वयं सहायता समूह और आंगनवाड़ी महिलाओं द्वारा महिलाओं को मतदान के प्रति जागरुकता बढ़ाने का काम किया जा रहा है। जिला प्रशासन द्वारा महिलाओं को केंद्रित करते हुए रंगोली और मेहंदी जैसे कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जिसमें महिलाएं रंगोली और मेहंदी डिजाइन बनाकर लोकतंत्र में वोट डालने के महत्व का संदेश दे रही हैं। 
 
उन्होंने कहा कि युवा मतदाताओं को जागरुक करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया जा रहा है। मतदान के लिए उत्साहित करने वाले कार्टून और वीडियो भी सोशल मीडिया पर चलाए जा रहे हैं। शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों के साथ सरकारी अधिकारियों के संवाद कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं ताकि विद्यार्थियों को लोकतंत्र में वोट के महत्व की जानकारी मिले। मतदान वाले दिन युवाओं को स्याही लगी उंगली के साथ सेल्फी खिंचवाने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है। 
 
श्री रंजन ने कहा कि जिन सरकारी कर्मचारियों की चुनाव में डयूटी लगी हुई है, अगर किसी के पास एपिक नहीं है या खो गया है तो उन्हें पोस्टल बैलेट और ईडीसी के लिए आवेदन करने में समस्या आएगी, इसलिए ऐसे कर्मचारी 10 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के रिटर्निंग अधिकारी के कार्यालय में 25 रुपये देकर डुप्लीकेट  एपिक ले सकते हैं

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