चंडीगढ़ । नेता प्रतिपक्ष अभय चौटाला ने अपनी शर्तों पर नेता प्रतिपक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने शर्त रखी है कि विधानसभा स्पीकर पहले इनेलो छोड़ चुके पांचों विधायकों की सदस्यता रद्द कर दें और फिर उनका इस्तीफा स्वीकार कर लें। अब गेंद विधानसभा स्पीकर कंवरपाल गुज्जर के पाले में आ गई है, कि वे विधायकों की सदस्यता रद्द करके अभय चौटाला का इस्तीफा मंजूर करें या न करें।
जननायक जनता पार्टी में इनेलो के चार विधायक शामिल है। इनमें नैना चौटाला, विधायक पिरथी नंबरदार, अनूप धानक, दादरी से राजदीप फोगाट शामिल है। वहीं होली के दिन रणबीर गंगवा भाजपा में शामिल हो गए। इस वजह से पांच विधायक इनेलो छोड़ चुके हैं। अभय चौटाला ने कहा कि पार्टी ने विधानसभा के अध्यक्ष को एक पत्र लिखकर अवगत कराया है कि पार्टी के चुनाव चिह्न और घोषणा पत्र के आधार पर विधानसभा के लिए चुने गए पांच सदस्यों को विधानसभा की सदस्यता से तुरंत प्रभाव से अयोग्य घोषित किया जाए। अभय सिंह चौटाला ने कहा कि इन पांचों सदस्यों को अयोग्य घोषित हो जाने के बाद वे नेता विपक्ष की भूमिका को निभाने में असमर्थ होंगे। पार्टी के तर्क में नेता विपक्ष ने शरद यादव को राज्यसभा की सदस्यता से हटाए जाने का उदाहरण भी दिया।
उन्होंने याद दिलाया कि जब उन्होंने अपने भाषणों और गतिविधियों से यह सिद्ध कर दिया कि वे उस पार्टी के विरोध में काम कर रहे हैं, जिसके चुनावी निशान पर उन्हें राज्यसभा का सदस्य चुना गया था तो उन्हें निलंबित कर दिया गया था। राज्यसभा के अध्यक्ष वेंकैया नायडू ने उनके निलंबन और 10वें शैड्यूल के तहत उनकी अयोग्यता को उचित ठहराया था।