नई दिल्ली। राफेल विमान सौदे पर मचे बवाल के बीच केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बुधवार को राज्यसभा में कैग रिपोर्ट को पेश किया। कैग रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मोदी सरकार ने डील पक्की की है, वह यूपीए की डील से कुल 2.86 फीसदी सस्ती है। इसके अलावा कैग की रिपोर्टमें कुछ और पहलुओं को भी ध्यान में रखा गया है। जैसे 2007 और 2015 की डील की तुलना की गई, जिसमें ये समझाया गया है। पुराने और नए सौदे में काफी अंतर है।
राज्यसभा में पेश कैग रिपोर्ट के पेज नंबर 130 पर इस बारे में विस्तार से बताया गया है। राफेल डील के लिए जो दाम बताया गया था और 2015 में आईएनटी ने जिस दाम पर फिक्स किया, वह 1.23 फीसदी सस्ता था। लेकिन 2016 में जब डील साइन हुई तो दाम और भी कम हो गया था, जिससे डील की कुल कीमत 2.86 फीसदी कम हुई।
बताए गए दाम और फिक्स दाम में अंतर इसलिए भी है क्योंकि Iआईएनटी ने विमान की संख्या में कुछ बदलाव किया था डील तय करते हुए कुछ ऑफर्स का भी ध्यान रखा गया, जो पहले भी बताए गए थे। एनडीए सरकार ने राफेल पर जो डील की है, उसमें 6 पैकेज लिए गए हैं।
जिसमें फ्लाई अवे एयरक्राफ्ट पैकेज, मेंटेनेंस पैकेज, इंडियन स्पेसिफिक इनहैंसमेंट, हथियारों का पैकेज, साथ मिलने वाली सर्विस और सेम्युलेटर पैकेज शामिल था। इन 6 पैकेज में कुल 14 वस्तुएं शामिल थीं।