ईटानगर में पीएम मोदी ने कहा : चौकीदार की चौकसी से भ्रस्टाचारी घबराए

Font Size

ईटानगर। प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को अरुणाचल प्रदेश को बड़ा तोहफा दिया। यहां पर प्रधानमंत्री मोदी ने अरुणाचल में एक साथ दो एयरपोर्ट का उद्घाटन किया। इसके साथ ही 24 घंटे के टीवी चैनल अरुण प्रभा को लॉन्च किया गया। पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार विकास की पंचधारा: बच्चों की पढ़ाई, युवा को कमाई, बुजुर्गों को दवाई, किसान को सिंचाई और जन-जन की सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है।

पीएम मोदी ने ईटानगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, आज अरुणाचल प्रदेश में 4 हजार करोड़ से ज्यादा रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करने का अवसर मिला। कनेक्टिविटी तो सुधरेगी ही राज्य के पावर सेक्टर को भी मजबूती मिलेगी। स्वास्थ्य सेवाओं की सेहत बेहतर होगी और अरुणाचल की संस्कृति को भी बढ़ावा मिलेगा।

मैं बार-बार कहता आया हूं कि न्यू इंडिया तभी अपनी पूरी शक्ति से विकसित हो पाएगा, जब पूर्वी भारत, नॉर्थ ईस्ट का तेज़ गति से विकास होगा। ये विकास संसाधनों का भी है और संस्कृति का भी। ये विकास अलग-अलग क्षेत्रों को जोड़ने का भी है और दिलों को जोड़ने का भी।

अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर के बाद पीएम नरेंद्र मोदी असम में जनसभा को सम्बोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि ‘BC और AD यानि बिफोर कांग्रेस और आफ्टर डायनेस्टी का ही गौरवगान करने वालों से मैं आज यहां से पूछना चाहता हूं कि आखिर आपने भारत के सच्चे रत्नों को न पहचानने का कुटिल खेल दशकों तक क्यों खेला। आखिर ऐसा क्यों रहा कि कुछ लोगों के लिए जन्म लेते ही उनके लिए भारत रत्न तय हो जाता था और देश के मान-सम्मान के लिए जिन्होंने जीवन लगा दिया उनको सम्मानित करने के लिए दशक लग जाते थे?

उन्‍होंने कहा कि 55 साल तक राहुल बाबा के परिवार ने शासन किया है। मगर देश में कोई परिवर्तन नहीं आया। मोदी जी ने सिर्फ 55 महीने काम किया और कांग्रेस के 55 साल में जो न हो सका था, उसे पूरा किया है। ये पूरा देश देख रहा है कि चौकीदार की चौकसी से कैसे भ्रष्टाचारी बौखलाए हुए हैं और सुबह-शाम मोदी-मोदी के नाम की रट लगाए हुए हैं। अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने भारत रत्न भूपेन हजारिका को भी याद किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि नागरिकता संशोधन का विषय सिर्फ असम या नॉर्थ ईस्ट से जुड़ा नहीं है, बल्कि देश के अनेक हिस्सों में मां भारती पर आस्था रखने वाली ऐसी संताने हैं, ऐसे लोग हैं जिनको अपनी जान बचाकर भारत आना पड़ा है। जब आस्था के आधार पर देश का विभाजन हुआ। हमसे अलग हुए देशों में जो अल्पसंख्यक यानि हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध पारसी और ईसाई, वहां रह गये थे उनको संरक्षण देना हमारा दायित्व है।

You cannot copy content of this page