कोलकाता पुलिस कमिश्नर के घर सीबीआई छापे के प्रतिशोध में कोलकाता पुलिस का नागेश्वर राव के दो ठिकाने पर छापा !

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कोलकाता । देश यह जानना चाहता है कि कोलकाता पुलिस कमिश्नर के घर सीबीआई आखिर अचानक क्यों पहुँची। इस बड़ी घटना के बाद उठा राजनीतिक तूफान थमने का नाम नहीं ले रहा है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भले ही प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपना धरना खत्म दिया है लेकिन सीबीआइ के खिलाफ उन्होंने अपनी बंदूक तान दी है और उसे दागना भी शुरू कर दिया है। खबर है कि प्रतिशोध में धधक रही ममता बनर्जी सरकार की कोलकाता पुलिस ने शुक्रवार को शाम के वक्त सीबीआइ के पूर्व अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव के दो अलग-अलग ठिकानों पर भी सघन छापेमारी की. बताया जाता है कि इनमें से एक लोकेशन कोलकाता में है और दूसरी सॉल्ट लेक में। सूत्रों का कहना है कि इन स्थानों पर सीबीआइ के पूर्व अंतरिम निदेशक राव की पत्नी की कंपनी एंजेलिना मर्केंटाइल प्राइवेट लिमिटेड का दफ्तर है.

उल्लेखनीय है कि पिछले करीब एक हफ्ते से ममता बनाम केंद्र के तौर पर मतभेद सामने आ रहे हैं. शुक्रवार को भी दिन में एक तरफ कोलकाता पुलिस कमिश्नर शिलॉन्ग पहुंच गए, जहां सारदा स्कैम को लेकर सीबीआइ उनसे पूछताछ करनेवाली है. इसके कुछ घंटे बाद ही कोलकाता पुलिस ने भी एक्शन में आ गयी है। संकेत है कि कोलकाता पुलिस ने भारी लाव लश्कर के साथ पूर्व सीबीआइ चीफ के दो ठिकानों को पूरी तरह खंगाला और कुछ सबूत जुटाने की भरसक जुगत की।

गौरतलब है कि कोलकाता में अपने चहेते पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के घर सीबीआई छापे के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र को चेतावनी देते हुए कहा था कि यदि वरिष्ठ पुलिस अफसरों के मेडल वापस लिये गये तो वह उन्हें राज्य के सर्वोच्च सम्मान ‘बंग विभूषण’ से सम्मानित करेंगी. दूसरी तरफ केंद्र ने अपने म्यान से तलवारें निकाल ली और पिछले रविवार को कोलकाता में ममता के धरने में पहुंचे 5 वरिष्ठ अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करने के अनुशंसा की है.

अब चर्चा जोरों पर है कि सीबीआइ के जिस अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव के निर्देश पर सीबीआइ के 40 अफसर कोलकाता के पुलिस कमिश्नर के दरवाजे तक पहुंचे थे, उनके तार उस कंपनी से जुड़ रहे हैं जिनके खिलाफ कोलकाता पुलिस ने कुछ दिनों पहले रेड डाली थी.कहा जा रहा है कि कोलकाता स्थित इस कंपनी से राव की पत्नी और उनकी बेटी के नाम कई वित्तीय लेन-देन हुए हैं. खबर है कि कोलकाता पुलिस रेड के बाद जब्त कागजात की जांच में जुट गई है.

खबर की दुनिया के कई पोर्टल ने इस बात का खुलासा किया है कि कोलकाता पुलिस के एक वर्ग का मानना है कि इस नजी कंपनी पर हुई कारर्वाई के बाद ही सीबीआइ की टीम पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के घर पूछताछ के लिए पहुंची थी. उनका मानना है कि इन दोनों मामलों में कहीं न कहीं कोई संबंध है. वहीं कुछ यह मानते हैं कि दोनों मामलों का कोई संबंध नहीं है.

कोलकाता पुलिस की एक टीम ने कुछ महीनों पहले बउबाजार पुलिस स्टेशन से संबंधित एक मामले में एंजेला मर्केंटाइल्स प्राइवेट लिमिटेड (एएमपीएल) के दफ्तर पर छापा मारा था. एएमपीएल एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी है. इसका रजिस्टर्ड ऑफिस 5 क्लाइव रोड (डॉ राजेंद्र प्रसाद सारणी) है. अक्टूबर 2018 तक इसका कार्यालय सीए ब्लॉक साल्ट लेक सिटी सेक्टर-1 था. जानकारी के अनुसार यह कंपनी फरवरी 1994 में शुरू हुई थी.

ज्ञातव्य है कि यह कंपनी तब चर्चा में आयी थी जब रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी ने यह बताया था कि एम नागेश्वर राव की पत्नी संध्या और एएसपीएल के बीच लगातार वित्तीय लेन-देन हुआ था. राव की पत्नी संध्या ने मार्च 2011 में एएमपीएल से 25 लाख रुपये का कर्ज लिया था. मार्च 2012 से 2014 के बीच तीन और बड़े वित्तीय लेन-देन हुए जिसकी राशि 1.14 करोड़ रुपये थी. उस वक्त राव ने इन लेनदेन को नकार दिया था.

हालांकि कोलकाता पुलिस के सूत्रों का कहना है कि हाल ही डाले गये छापे में उनके पास इस बात के सबूत हाथ आये हैं. कागजात से पता चलता है कि राव की बेटी ने कंपनी से सैलरी के रूप में रुपये लिये हैं. यह पाया गया है कि वर्ष 2013-14 से लेकर वर्ष 2015-16 तक कंपनी ने राव की बेटी को 14 लाख रुपये सैलरी के मद में दिये हैं. साल 2014 में उसे एक दिन में 4.5 लाख रुपये का भुगतान किया गया था. उसे यह राशि पूरे साल की सैलरी के रूप में दी गयी थी.

कोलकाता पुलिस के सूत्रों का कहना है कि राव की बेटी ने 2013 में लॉ की पढ़ाई पूरी की है और वह ओड़िशा के भुवनेश्वर की निवासी है. उसे 40 हजार रुपये हर महीने तीन साल तक सैलरी के रूप में दिये गये. करीब 14.1 लाख रुपये सैलरी के मद में भुगतान किया गया. जबकि कंपनी में रेड के दौरान जब्त कागजात में उसकी नियुक्ति से संबंधित कोई कागजात नहीं मिला. उसे दो अन्य कंपनियों से 7.5 लाख रुपये रिटेनरशिप के भी मिले. उनमें हैदराबाद स्थित एक कंपनी ऐसी थी जिसके खिलाफ सीबीआइ जांच चल रही थी.

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