एनएसजी को लेकर भारत-चीन में कारगर बातचीत

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दोनों देशों के विशेषज्ञ बीजिंग में मिले 

बीजिंग/नई दिल्ली : एक निजि न्यूज चैनल ने दावा किया है कि भारत व चीन के बीच बीजिंग में भारत की एनएसजी सदस्यता के लिए सोमवार को दूसरे दौर की वार्ता हुयी और यह कारगर रही.  बताया गया है कि 13 सितंबर को नई दिल्ली में इस तरह की पहली बैठक के बाद भारत और चीन ने सोमवार को  बीजिंग में एनएसजी मुद्दे पर अपनी चर्चा जारी रखी. इस बैठक में भारत की ओर से संयुक्त सचिव (निरस्त्रीकरण एवं अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा) अमनदीप सिंह गिल ने हथियार नियंत्रण विभाग के महानिदेशक वांग कुन के साथ विचार विमर्श किया.

दो माह में संभावित अनौपचारिक परामर्श

दावा किया गया है कि वार्ता सकारात्मक रही. आगे भी वार्ता जारी रहने के संकेत हैं. उल्लेखनीय है कि आपूर्तिकर्ता समूह एनएसजी में भारत की सदस्यता के लिए अगले दो महीनों में एक संभावित अनौपचारिक परामर्श होना है. इससे पहले आज की वार्ता हुई है. इसकी अध्यक्षता अर्जेंटीना के राजदूत राफेल ग्रोस्सी ने की.

चीन ने लगाया था अड़ंगा

गौरतलब है कि सोल में एनएसजी की जून में हुई बैठक में अमेरिका के मजबूत समर्थन के बावजूद चीन ने इसमें अड़ंगा लगा दिया था. उसने कहा था कि परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर भारत ने हस्ताक्षर नहीं किया है.

एनपीटी पर हस्ताक्षर अनिवार्य 

दक्षिण कोरिया में हुई बैठक में मुख्य वार्ताकार रहे वांग ने कहा था कि एनपीटी पर हस्ताक्षर करना अनिवार्य है. साथ ही यह भी कहा था कि नियम चीन ने नहीं बनाया है बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने बनाया है.

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