इलाहाबाद । उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित कुंभ मेले में भव्य तैयारियां की गई हैं। यहां की तैयारियों के कारण ही इसने अपने-आप में एक वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम कर लिया है। दुनियाभर के सबसे बड़े आयोजन कुंभ मेले को लेकर शहर में यातायात से लेकर हर तरह की सुविधाएं तैयार की गई है। केवल कुंभ मेले के लिए 250 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण किया गया है जबकि 22 ब्रिजों का निर्माण किया गया है। प्रयागराज में जहां कुंभ का आयोजन किया गया है उस जगह को एक शहर के जैसा व्यवस्थित किया गया है।
इन्हीं तैयारियों के साथ ये दुनियाभर का सबसे बड़ा अस्थायी शहर बन गया है। करोड़ों की संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं को ध्यान में रखते हुए यहां पर भव्य तैयारियां की गई है। सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार ने बताया कि प्रयागराज दुनिया का सबसे बड़ा अस्थाई शहर बन गया है। कुंभ मेला वाले क्षेत्र में ऐसा पहली बार होगा कि पूरे इलाके में लगभग 40,000 एलईडी बल्ब लगाए गए हैं।
गौरतलब है कि यूनेस्को ने पहले से ही कुंभ को मानव जाति का सबसे बड़ा सांस्कृति विरासत करार दे दिया है। इस साल के कुंभ मेला के आयोजन को देखते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को पूरे देश से 6 लाख श्रद्धालुओं और करीब 5,000 एनआरआई के आने की उम्मीद है। इसके अलावा 450 सालों में ऐसा पहली बार होगा कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को अक्षय वट और सरस्वती कूप के भी दर्शन करने और यहां पूजा करने का अवसर प्राप्त होगा।
प्रदेश सरकार ने इस आयोजन के लिए 2,800 करोड़ के बजट का प्लान किया है। कुंभ मेला के अलावा आस-पास के क्षेत्रों में विकास कार्यों के लिए प्रदेश सरकार ने 4,300 करोड़ के बजट का भी प्लान किया है। बता दें कि 2013 के कुंभ आयोजन के दौरान करीब 1,214 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे।
कुंभ 2019 के आयोजन के लिए 71 देशों के राजदूत पहले से ही प्रयागराज पहुंच चुके हैं। त्रिवेणी घाट पर उन्होंने अपने-अपने देशों के ध्वज को यहां फहराया है। प्रदेश सरकार ने ये भी कहा है कि 192 देशों के प्रतिनिधि फरवरी में प्रयागराज के दौरे पर आयेंगे। त्रिवेणी संगम पर दुनियाभर से करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु पवित्र डुबकी लगाने के लिए उपस्थित होंगे।