नई दिल्ली । सीबीआई के कथित दुरूपयोग सहित विभिन्न मुद्दों पर सपा एवं अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण मंगलवार को राज्यसभा की कार्यवाही दिन भर बाधित रही और पांच बार के स्थगन के बाद अपराह्न तीन बजकर करीब 30 मिनट पर कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी।
हंगामे की वजह से उच्च सदन में आज भी शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं चल पाए।
बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए और कहा कि उन्हें कुछ सदस्यों की ओर से अलग अलग मुद्दों पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत नोटिस मिले हैं लेकिन उन्होंने ये नोटिस स्वीकार नहीं किए हैं। उन्होंने कहा कि सभी मुद्दों पर चर्चा की जा सकती है। इसी बीच सदन में हंगामा शुरू हो गया। सपा सदस्यों ने अपने पार्टी नेताओं के खिलाफ केन्द्रीय जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग के मुद्दे पर और कांग्रेस, बसपा, तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य दलों ने अपने अपने मुद्दों पर हंगामा शुरू कर दिया। नायडू ने सदस्यों से शांत रहने और कार्यवाही चलने देने का अनुरोध किया। हंगामा थमते न देख उन्होंने 11 बज कर करीब 10 मिनट पर बैठक को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे बैठक शुरू होने पर भी सदन में हंगामा जारी रहा। सपा, तृणमूल कांग्रेस, राजद आदि दलों के सदस्य आसन के समक्ष आ गए और नारे लगाने लगे। उधर कांग्रेस के कुछ सदस्य राफेल विमान सौदे की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने की मांग करते हुए नारे लगाने लगे। बाद में कांग्रेस के सदस्य भी आसन के समक्ष आ गए।
हंगामे के बीच ही जगत प्रकाश नड्डा ने भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद (संशोधन) विधेयक, 2018 चर्चा के लिए रखा। उपसभापति हरिवंश ने सदस्यों से शांत होने और सदन चलने देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि पूरा देश यह सब (हंगामा) देख रहा है और शीतकालीन सत्र में गंभीरता से काम नहीं हुआ है। उन्होंने सदस्यों से कहा कि उन्हें विधेयक पर चर्चा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सदन में नारे लगाना और आसन के समीप आकर व्यवधान करना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि 11 दिसंबर के बाद से ही उच्च सदन में खास काम नहीं हुआ है। उपसभापति ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण विधेयक है। उन्होंने विधेयक पर चर्चा में भाग लेने के लिए कुछ सदस्यों का नाम भी लिया। लेकिन अधिकतर सदस्यों ने सदन में शोरगुल का हवाला देते हुए कहा कि पहले सदन में व्यवस्था कायम होनी चाहिए। सदन में हंगामा थमते नहीं देख उन्होंने दो बजकर करीब पांच मिनट पर बैठक 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी।
इसके बाद बैठक शुरू होने पर पीठासीन उपसभापति टी शिवा ने पहले दो बजकर 45 मिनट तक के लिए और फिर दोपहर बाद तीन बजे तक के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी।
तीन बजे बैठक शुरू होने पर भी सदन में हंगामा कायम रहा। कांग्रेस, सपा, बसपा, तृणमूल कांग्रेस, राजद आदि दलों के सदस्य आसन के समक्ष आ गए और सीबीआई के कथित दुरूपयोग के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। कई सदस्यों ने विधेयक पर चर्चा का विरोध किया। इस पर उपसभापति हरिवंश ने कहा कि विभिन्न दलों के नेताओं की बैठक में सहमति बनी थी और उसी के आधार पर चर्चा की शुरूआत की गयी है। उन्होंने एक बार फिर सदस्यों से शांत होने की अपील की। अपनी अपील का असर नहीं होते देख उन्होंने पहले तीन बजकर तीस मिनट तक के लिए और उसके बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी।
उल्लेखनीय है कि संसद के शीतकालीन सत्र के लिए पूर्व निर्धारित घोषणा के अनुसार आज कार्यवाही का आखिरी दिन था। लेकिन उच्च सदन की बैठक एक दिन के लिए और बढ़ा दी गयी है।