नई दिल्ली : दिल्ली से सटे फरीदबाद में एक युवती का अपहरण कर 4 साल तक बंधक बनाकर दुष्कर्म करने, उसके साथ मारपीट करने और लगभग डेढ़ महीने तक भूखा रखने का दिल दहला देने का मामला सामने आया है। युवती के शरीर पर चोट के इतने गहरे निशान हैं, जिन्हें देखकर किसी की भी रूह कांप जाए. मौका पाकर चंगुल से भागी युवती रास्ते मे बेहोश होकर गिर गई। सड़क किनारे बेहोश युवती को देखकर आस-पास मौजूद लोगों ने एक NGO को फोन कर बुलाया, जिसने गंभीर हालात में युवती को सिविल अस्पताल में भर्ती करा दिया, जहां उसका इलाज चल रहा है.
फिलहाल पुलिस ने युवती के बयान पर मामला दर्ज कर आगे की कारवाई में शुरू कर दी है। पीड़िता ने बताया कि 4 साल पहले प्रदीप नाम का शख्स बहला-फुसला कर उसके घर से बरेली ले गया था. अपहरणकर्ता प्रदीप ने उसे शादी का झांसा देकर लगातार 4 साल तक रेप किया। इस दौरान युवती कई बार गर्भवती हुई, लेकिन आरोपी प्रदीप ने जबरदस्ती उसका गर्भपात करवा दिया।
पीड़िता के मुताबिक, 8 महीने पहले आरोपी फरीदाबाद में रह रहे उसके भाई और मां के पास छोड़ गया, लेकिन जब उसके साथ मारपीट, प्रताड़ना की दास्तां फिर शुरू हुई तो आरोपी प्रदीप के मंसूबे सामने आने लगे। उसका छोटा भाई भी उसके साथ जबरदस्ती रेप करने लगा। आपीड़िता के मुताबिक, इसमें आरोपियों की मां भी पूरा सहयोग करती थी। न तो उसे खाना दिया जाता था और न ही कहीं बाहर जाने दिया जाता था। बल्कि जब घर के लोग बाहर जाते थे तो उसे कमरे में बंद करके जाते थे, इतना ही नहीं पीड़िता ने बताया कि उसको खाने के लिए उस वक्त का इंतजार करना पड़ता था कि जब दूसरों की नजर बचे तो वो रसोई से कुछ चुरा कर खाले या चोरी छिपे पानी पी ले।
पीड़िता को अस्पताल पहुंचाने वाले एनजीओ संस्कार फाउंडेशन की प्रमिता चौधरी ने बताया कि कैसे उन्होंने लोगों के द्वारा सूचित करने पर बेहोश पड़ी युवती को फरीदाबाद के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया और युवती के पास मिले आधार कार्ड के जरिए उन्होंने उसके मां-बाप को सूचित किया, जिनको ये ही पता नहीं था कि उनकी लड़की जिंदा है या मर गई। वहीं इस पूरे मामले पर जब पुलिस विभाग से बात की गई तो उन्होंने बताया कि पीड़ित युवती के बयानों के आधार पर शिकायत दर्ज कर ली गई है और इस मामले की जांच जारी है।