हरियाणा के कृषि एवं बागवानी मंत्री ओमप्रकश धनखड़ ने किया बागवानी प्रशिक्षण केंद्र का उद्घाटन
एलडीसी कंपनी ने सीएसआर के तहत इस बागवानी प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की
कृषि मंत्री ने कहा : हॉर्टिकल्चर दे सकता है ज्यादा आमदनी
गुरुग्राम, 30 दिसंबर । हरियाणा के कृषि मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ ने आज किसानों को सलाह दी कि वे अपने उत्पाद बेचने की कला सीख ले औरअपना ग्राहक पहले ढूंढ कर उसके बाद बुवाई करें। श्री धनखड़ आज गुरुग्राम में टावर ऑफ जस्टिस के निकट नवनिर्मित बागवानी प्रशिक्षण केंद्र का उद्घाटन करने उपरांत उपस्थित किसानों को संबोधित कर रहे थे। यह प्रशिक्षण केंद्र लुईस ड्रेफस कंपनी (एलडीसी) ने 40 लाख रुपए खर्च करके बनाया है। इस कंपनी के निदेशक विपिन गुप्ता को भी कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने शॉल भेंट कर सम्मानित किया।
किसानों को संबोधित करते हुए श्री धनखड़ ने उन्हें समझाया कि वे अपने उत्पाद की विशेषता बताकर बाजार में अच्छे भाव पा सकते हैं। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि किसान आम जनता को बताएं कि गाजर में विटामिन ए होता है। किसान अपने उत्पाद की अच्छी ढंग से पैकिंग भी करके लाए। उन्होंने बागवानी विभाग के अधिकारियों से कहा कि किसानों को बुवाई के साथ साथ मार्केटिंग भी सिखाएं। श्री धनखड़ ने किसानों से भी कहा उम्र भर सीखना बंद मत करना क्योंकि सीखने वाला हमेशा जवान रहता है। जो नहीं सीखता वह पुरानी बातें करता है और सीखने वाला नई बात करेगा। हम लोग भी हर रोज सीखते हैं। दुनिया में हर रोज नई तकनीक आ रही है।
उन्होंने कहा कि हॉर्टिकल्चर ज्यादा आमदनी दे सकता है इसलिए बागवानी के नए तौर-तरीके सीखें। उन्होंने कहा कि खेती का मकसद पैसे कमाना ही है इसलिए किसान फैशनेबल खेती करना सीखे। इजरायल दौरे के अपने संस्मरण सांझा करते हुए श्री धनखड़ ने बताया कि वहां पर एक किसान ने उन्हें बताया कि वह 8 तरह के टमाटर, 8 रंगों की गाजर और 4 रंगों की शिमला मिर्च बोता है, कोई न कोई तो ग्राहक को पसंद आएगी ही।
श्री धनखड़ ने बागवानी विभाग और नगर निगम के अधिकारियों से कहा कि किटी पार्टी वालों को भी गमलों की खेती सिखाएं।
श्री धनखड़ ने कांग्रेस पर भी किया प्रहार और कहा कि आज के दिन 30 दिसंबर 1943 को नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने अंडेमान और निकोबार को अंग्रेजों से आजाद करवा कर वहां पर आजाद भारत का ध्वज फहराया था । कांग्रेस पार्टी और उसके शासकों ने उस बात को छिपाया क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि 15 अगस्त 1947 को जो उसके शासकों ने झंडा फहराया उससे पहले कोई आजाद भारत का झंडा फहराए और देश का एक हिस्सा आजाद होकर के झंडा फहरा है, इसको वे दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से छुपाते रहे। आज वह बात हमारे प्रधानमंत्री के प्रयासों से पब्लिक डोमेन में आ रही है। उस समय नेता जी ने शहीद और स्वराज जैसे नाम द्वीपों के रखे थे। आज रास नामक द्वीप का नाम नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर, नील द्वीप का स्वराज और हैवलॉक का शहीद द्वीप के नाम पर रखे जा रहे हैं। यह आजादी के दीवानों और आजाद हिंद फौज के सैनिकों के लिए बहुत आनंद की बात है। श्री धनखड़ ने कहा कि उनका स्मरण करते हुए मुझे यह गौरव हो रहा है कि जिन लाखों शहीदों के नामो को छुपाया गया, अब वो उजागर हो रहे हैं और उनका योगदान देश के सामने आ रहा है।
इससे पहले, हरियाणा राज्य बागवानी विकास प्राधिकरण के मिशन निदेशक डॉ बीएस सहरावत ने मंत्री का स्वागत करते हुए बताया कि किसानों के प्रशिक्षण के लिए वार्षिक कैलेंडर तैयार हो चुका है। उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण केंद्र में किसानों को अपने उत्पाद की ब्रांडिंग करके कैसे उसकी मार्केटिंग कर सकते हैं, यह सिखाया जाएगा। एलडीसी कंपनी के निदेशक विपिन गुप्ता ने बताया कि उनकी कंपनी के 11 देशों में कार्यालय हैं और मुख्य रूप से अनाज, तिलहन, गन्ना, कपास और कॉफी की मार्केटिंग मे डील करती है। उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी कृषि उत्पादों की मार्केटिंग ना केवल भारत में बल्कि दुनियाभर में करवाती है।
उन्होंने बताया कि कंपनी का कॉरपोरेट ऑफिस गुरुग्राम में है और मुख्यालय फ्रांस में है। उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने भी बताया कि किस प्रकार से इस केंद्र की स्थापना की गई है और कहा कि इस सेंटर में खेती के तरीकों के अलावा किसानों को मार्केटिंग के तौर तरीके भी सिखाए जाएंगे ताकि किसान तकनीक के सुधार के साथ-साथ अपने उत्पाद का सही मूल्य प्राप्त करने की विधा भी सीख सकें। इस अवसर पर भाजपा जिला अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौहान, जिला महामंत्री अनिल गंडास, सूरजपाल अम्मू, बागवानी विकास प्राधिकरण के मिशन निदेशक डॉ बीएस सहरावत, कृषि उपनिदेशक आत्माराम गोदारा, जिला बागवानी अधिकारी डॉक्टर दीन मोहम्मद, एलडीसी कंपनी के निदेशक विपिन गुप्ता, कॉरपोरेट अफेयर्स हेड अरुण सूद, प्रगतिशील किसान क्लब के अध्यक्ष राव मानसिंह सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।