बॉम्बे हाई कोर्ट ने बरकरार रखा निचली अदालत का फैसला, सानप को होगी फांसी

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मुम्बई । बॉम्बे हाई कोर्ट ने आंध्र प्रदेश की एक सॉफ्टवेयर इंजिनियर ईस्टर अनुह्या के अपहरण, बलात्कार और हत्या के मामले के दोषी चंद्रभान सानप की फांसी की सजा को बरकरार रखा है। हाई कोर्ट ने मामले को ‘दर्लभ से दुर्लभतम’ बताते हुए निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा है।

5 जनवरी 2014 को ईस्टर क्रिसमस की छुट्टियां बिताने के बाद हैदराबाद से लोकमान्य तिलक टर्मिनस पहुंची थी। उसे अकेला देखकर धोखे से सानप अपने साथ मोटर साइकल पर ले गया था। पीड़िता को घर न छोड़कर रास्ते में सुनसान जगह पर उसने ईस्टर के साथ जबरन बलात्कार किया और विरोध करने पर उसकी हत्या कर दी थी। करीब 11 दिन बाद ईस्टर की अधजली लाश पुलिस को कंजुमार्ग मिली थी।

गौरतलब है कि सानप कुली का काम करता था लेकिन बाद में वह ड्राइवर बन गया था। सीसीटीवी खंगालने के बाद पुलिस ने सानप को 3 मार्च को नासिक से गिरफ्तार किया था। सानप ने पुलिस के सामने अपना गुनाह कबूल कर लिया था। जिसके बाद मुंबई की विशेष महिला अदालत ने सानप को फांसी की सजा सुनाई थी। सजा को लेकर सानप ने हाई कोर्ट का रुख किया था लेकिन हाई कोर्ट ने निचली अदालत का फैसला बरकरार रखा है।

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