पटना। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में सब कुछ सामान्य नहीं चल रहा है। लोकजनशक्ति पार्टी संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान ने बिहार में लोकसभा की सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर कहा है कि भाजपा को अपने सहयोगियों की चिंता को दूर करना चाहिए। उल्लेखनीय है कि बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं और भाजपा तथा जनता दल युनाइटेड ने इस बात की घोषणा की है कि वह दोनों बराबर संख्या की सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।
ऐसे में गठबंधन में शामिल लोकजनशक्ति पार्टी संशय में है कि उसे कितनी सीटें मिलेंगी। हाल ही में रालोसपा प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा ने राजग पर सहयोगी दलों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए गठबंधन छोड़ने की घोषणा की थी और केंद्रीय राज्य मंत्री पद से भी त्यागपत्र दे दिया था। अब उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा है कि जो मेरे साथ हुआ वैसा ही पासवान के साथ भी होगा क्योंकि राजग में जदयू और भाजपा छोटे दलों को भाव नहीं दे रहे हैं। बिहार में इससे पहले जीतन राम मांझी भी राजग से अलग होकर राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन के पाले में जा चुके हैं।
इससे पहले, लोजपा ने मंगलवार को कहा कि तेलुगूदेशम पार्टी व रालोसपा के राजग से अलग हो जाने के बाद यह गठबंधन नाज़ुक मोड़ से गुज़र रहा है, ऐसे समय में भाजपा गठबंधन में फ़िलहाल बचे हुए साथियों की चिंताओं को समय रहते सम्मान पूर्वक तरीक़े से दूर करे। पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की अध्यक्षता वाली रालोसपा के पिछले दिनों राजग से बाहर निकलने के बाद बिहार में भाजपा नेतृत्व वाले इस गठबंधन में अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू और लोजपा बची हैं।
लोजपा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष और जमुई से सांसद चिराग पासवान ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा, ‘‘टी॰डी॰पी॰ व रालोसपा के राजग गठबंधन से जाने के बाद यह नाज़ुक मोड़ से गुज़र रहा है। ऐसे समय में भारतीय जनता पार्टी गठबंधन में फ़िलहाल बचे हुए साथियों की चिंताओं को समय रहते सम्मान पूर्वक तरीक़े से दूर करे।’
चिराग ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की तारीफ करते हुए कहा कि वह अच्छा कर रहे हैं और उन्हें तीन राज्यों में जीत भी मिली है लेकिन उन्हें ज्यादा उत्साहित नहीं होना चाहिए क्योंकि तीनों ही राज्यों में वह बहुत कम अंतर से चुनाव जीते हैं।
उल्लेखनीय है कि पांच राज्यों के आए चुनाव परिणाम पर भाजपा को परोक्ष रूप से नसीहत देते हुए गत 13 दिसंबर को चिराग ने कहा था कि राजग का एजेंडा हमेशा विकास रहा है पर इस पर राम मंदिर, हनुमान को लेकर विवादित बयान के हावी होने पर जनता भी कहीं न कहीं इससे दिग्भ्रमित होती है और निराश होती है क्योंकि वे आपसे इस तरह की उम्मीद नहीं करते। उन्होंने कहा था कि गलती से जो चोट (पांच राज्यों के आए चुनाव परिणाम से) लगी है, वो आने वाले लोकसभा चुनाव में हमें और सतर्क करेगी।
गठबंधन की सीटों को लेकर कई बार भारतीय जनता पार्टी के नेताओ से मुलाक़ात हुई परंतु अभी तक कुछ ठोस बात आगे नहीं बढ़ पायी है।इस विषय पर समय रहते बात नहीं बनी तो इससे नुक़सान भी हो सकता है।
लोजपा जो कि पहले कांग्रेस की अगुआई वाले संप्रग में थी, 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले राजग में शामिल हो गई थी और उसने बिहार में सात सीटों में से छह सीटों पर जीत हासिल की थी। पार्टी प्रमुख रामविलास पासवान को मोदी सरकार में मंत्री बनाया गया। पिछले साल नीतीश के राजग में शामिल होने पर लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस को राज्य सरकार में मंत्री बनाया गया। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की अध्यक्षता वाली टीडीपी तेलंगाना के अलग होने के बाद आंध्र प्रदेश को विशेष सहायता नहीं मिलने पर राजग से अलग हो गयी थी।