सुभाष चौधरी
गुरुग्राम। उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने सीआरपी एफ के पासिंग आउट परेड को संबोधित करते हुए कहा कि देश के इतिहास में 16 दिसंबर एक महत्वपूर्ण तिथि है।आज ही के दिन 1971 पाकिस्तानी सेनाओं ने भारतीय सेना की वीरता के समक्ष आत्मसमर्पण किया था। आज आप भी राष्ट्र निष्ठा और कर्तव्य निष्ठा की उसी गौरवशाली परंपरा में सम्मिलित हो रहे हैं।
गुरुग्राम के कादरपुर स्थित सीआरपीएफ प्रशिक्षण केंद्र में बल में शामिल होने वाले प्रशिक्षण प्राप्त अधिकारियों के नाम अपने संदेश में उपराष्ट्रपति ने कहा कि देश के एकीकरण से लेकर उत्तरपूर्व के अलगाववाद और पंजाब के उग्रवाद को समाप्त करने में सीआरपीएफ ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सीआरपीएफ की युवा पीढ़ी व भावी नायकों को तैयार करने में सीआरपीएफ अकादमी की सराहना करता हूं और सीआरपीएफ को अपनी शुभकामनाएं भी प्रेषित करता हूं।
उन्होंने कहा कि 50 सप्ताह के कठिन प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद आपने यह गौरवशाली क्षण अर्जित किया है। मातृभूमि की सुरक्षा और जनता की सुरक्षा का व्रत लिया है।
इस अवसर पर उनका कहना था कि सी आर पी एफ इंडिया का आदर्श वाक्य सेवा और निष्ठा न सिर्फ आपकी पवित्र वर्दी पर अंकित होगा बल्कि आपकी अतः चेतना पर भी अंकित रहेगा।
उनके अनुसार सीआरपीएफ ने जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने और जम्मू कश्मीर में आम नागरिकों और युवाओं के साथ शांति और सौहार्द स्थापित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
उन्होंने खुलासा किया कि अब नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के युवाओं को बल में अवसर दिए जा रहे हैं।इससे नक्सल विरोधी अभियान में स्थानीय समुदाय और युवाओं का सहयोग मिल सकेगा। साथ ही इन इलाकों का तीव्र विकास सुनिश्चित हो सकेगा।
उपराष्ट्रपति ने सीआरपीएफ अधिकारियों व बलों का यह कहते हुए आह्वान किया कि आपको स्वयं को इस महान विरासत का उत्तराधिकारी सिद्ध करना है। देश की आंतरिक सुरक्षा बनाए रखने में सीआरपीएफ का योगदान सर्वविदित है। वे सीआरपीएफ के सुरक्षा कर्मी ही थे जिन्होंने आतंकवादियों को मार कर संसद भवन और सांसदों की रक्षा की।
उन्होंने केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल द्वारा देश की आंतरिक सुरक्षा में दिए योगदान की जम कर सराहना की। श्री नायडू ने कहा कि सीआरपीएफ अपनी प्रकार का दुनिया का सबसे बड़ा सशस्त्र पुलिस बल है जिसने राष्ट्र की एकता और अखंडता को सुरक्षित रखने में मुख्य भूमिका अदा की है। इस बल का एक गौरवशाली अतीत, सराहनीय वर्तमान और आशा और सेवा से भरा भविष्य है।