गुरुग्राम । हरियाणा के शिक्षा मंत्री राम बिलास शर्मा ने कहा कि हमारा प्रदेश उद्योग के क्षेत्र में निवेशकों की पहली पसंद बना हुआ है जिसके कारण हरियाणा ‘इकोनॉमिक पॉवर हाउस‘ बनकर उभर रहा है।
श्री शर्मा आज गुरूग्राम में बिल्डर एसोसिाएशन ऑफ इंडिया द्वारा निर्माण के क्षेत्र में प्रयोग की जाने वाली मशीनरी के लिए आयोजित अंतर्राष्टï्रीय मेला ‘बनौमा कोनैक्सपो’ के उदघाटन अवसर पर बोल रहे थे।
उन्होंने मशीनरी के निर्माताओं को हरियाणा में अधिक से अधिक उद्योग लगाने का आह्वïान किया और कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा बड़े उद्योगों के लिए जहां कई रियायतें दी जा रही हैं वहीं एमएसएमई के लिए उद्यम प्रोत्साहन नीति 2015 के माध्यम से कई प्रोत्साहन प्रदान किए जा रहे हंै। यह नीति एमएसएमई को कई प्रोत्साहन देती है और इन सभी प्रोत्साहनों जैसे वैट पर निवेश सब्सिडी, ऋण पर ब्याज सब्सिडी, प्रौद्योगिकी अधिग्रहण के लिए सहायता, परीक्षण उपकरणों के लिए सहायता, स्टाम्प ड्यूटी रिफंड, बिजली शुल्क छूट आदि का कार्य बिना व्यक्तिगत उपस्थिति के ऑनलाइन किया जा सकता है।
श्री शर्मा ने कहा कि नई उद्यम नीति का उद्देश्य हरियाणा को एक प्रमुख निवेश गन्तव्य के रूप में स्थापित करना, नवाचार एवं प्रौद्योगिकी को बड़े पैमाने पर अपनाना, उद्यमशीलता बढ़ाने के लिए दक्षता विकास और रोजगार के अवसर पैदा करके संतुलित क्षेत्रीय तथा सतत विकास को बढ़ावा देना है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा राज्य द्वारा 2 फरवरी 2017 को एक अहम सुधारात्मक कदम उठाते हुए सिंगल-रूफ मैकेनिज्म स्थापित किया गया। इसमें 70 से अधिक औद्योगिक मंजूरी अब समयबद्ध तरीके से एचईपीसी के माध्यम से दी जा रही है। उद्योगपतियों को हरियाणा में सभी सेवाएं अधिकतम 45 दिनों के समय सीमा के भीतर दी जाती हैं। हरियाणा द्वारा विकसित सिंगल-रूफ सिस्टम देश में अपनी तरह का अद्वितीय सिस्टम है। उन्होंने बताया कि एचईपीसी बनाकर हमने अनुमोदन प्रक्रिया को चैनलाईज्ड कर दिया है और निवेशकों के लिए औपचारिकताएं कम कर दी हैं।
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