नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने शक्तिकांता दास को रिजर्व बैंक का नया गवर्नर नियुक्त किया है। सोमवार को यानी एक दिन पूर्व ही उर्जित पटेल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उर्जित पटेल ने निजी कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया था। हालांकि उनकी सरकार से तनातनी चल रही थी। खबर है कि शक्तिकांता दास की नियुक्ति को कैबिनेट कमेटी ने मंजूरी दे दी है। उनको 3 साल के लिए गवर्नर बनाया गया है।
उल्लेखनीय है कि शक्तिकांता दास पूर्व इकोनॉमिक अफेयर्स सेक्रेटरी रहे हैं। वो 2015 से 2017 तक इस पद पर थे। उन्होंने केंद्रीय बैंक के साथ बहुत नजदीकी से काम किया है। वर्तमान में वो फाइनेंस कमीशन के मेंबर हैं और जी20 में सरकार के प्रतिनिधी भी हैं।
जानकार बताते हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी ने ही दास को वित्त मंत्रालय में लाया था। वो पहले रिवेन्यू सेक्रेटरी के पद पर आए थे। इसके बाद वो इकोनॉमिक अफेयर्स सेक्रेटरी बन गए। नोटबंदी के दौरान 2016 में उन्होंने ही पूरे अभियान की अगुआई की थी।
खबर है कि भारतीय रिजर्व बैंक के बोर्ड की अगली बैठक 14 दिसंबर को होना निर्धारित है। संकेत है कि इसमें गवर्नेंस रिफॉर्म पर चर्चा हो सकती है। पटेल की रिजर्व बैंक के रिजर्व, एनबीएफसी के लिए लिक्विडिटी और रिजर्व बैंक की स्वायत्तता जैसे मुद्दों पर सरकार से तनातनी चल रही थी।
गौरतलब है कि शक्तिकांता दास नोटबंदी को लेकर काफी मुखर थे। पिछले साल उन्होंने भारत की रेटिंग को लेकर ग्लोबल एंजेसियों की आलोचना भी की थी। उन्होंने बजट डिवीजन में बड़ा काम किया है।
दास भारतीय रिजर्व बैंक के 25वें गवर्नर होंगे। वो 1980 की बैच के आईएएस ऑफिसर हैं। दास तमिलनाडु कैडर से आते हैं। मई 2017 तक दास इकोनॉमिक अफेयर्स सेक्रेटरी थे।
चर्चा इस बात की जोरों पर है कि रिज़र्व बैंक गवर्नर के रूप में दास को कई चुनौतियों का सामना करना होगा। उर्जित पटेल के जाने के बाद रिजर्व बैंक में उनको कई काम करने होंगे।