स्वयं गीली मिट्टी की भांति बनें : रितु गोयल

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GSSschool में कार्यशाला का आयोजनritu-goyal-2-a

 

गुरुग्राम : नैतिक मूल्यों के प्रति बच्चों को जागरूक करने के लिए GSSschool में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. देश की इस भावी पीढ़ी का भविष्य कैसे  सुन्दर व अर्थपूर्ण बनेगा इसी विषय पर गुरुवार को रितु गोयल ने बच्चों के बीच अपना व्याख्यान दिया.

इस अवसर पर स्कूली बच्चों को संबोधित करते हुए  उनका कहना था कि अगर उन्हें जीवन में कुछ बनना है तो अपने में सीखने की  ललक पैदा करनी होगी. और यह ललक है अपने जीवन को गीली मिट्टी की स्थिति में तब्दील कर  देना. यानि आपको स्वयं को गीली मिटटी की प्रकृति में आना होगा. जिस तरह गीली मिटटी को कुम्हार किसी भी आकार व प्रकार में ढाल कर उसे दुनिया के लिए उपयोगी बना देता है उसी प्रकार  आपको भी आपके शिक्षक सदुपयोगी सांचे में ढाल सकेंगे. उन्होंने कहा कि इससे बच्चों को जीवन में सही दिशा व ज्ञान मिलते हैं.

 

गुरु का सम्मान करने की सीख 

 

रितु गोयल ने बच्चों को नैतिक पाठ पढ़ाते हुए कहा कि हमें अपने से बड़ों का सम्मान करना सीखना चाहिये. अपने गुरु के प्रति हमेशा , हर हाल में आदर का भाव रखना चाहिए. गुरु सांसारिक हो या अध्यात्मिक, उनके मार्गदर्शन से  शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ पायेंगे. ज्ञान से आपका जीवन महकता हुआ फूल बन जाता है अन्यथा इसके विना जीवन धूल जैसा हो जाएगा। धूल कभी भी किसी को पसंद नहीं आती।

 

माता पिता के साथ बिताएं कुछ क्षण ritu-goyal-3-a

 

उन्होंने अपने व्याख्यान के दौरान बच्चों व माता-पिता के संबन्ध व संस्कारों को लेकर भी चिंता जताई. उनके अनुसार आज बदलते हालात में बच्चों का अपने माता पिता के प्रति व्यवहार ठीक नहीं है. इससे उनके जीवन में एकाकी पन का जाता है. रितु गोयल ने बच्चों को समझाया कि यदि वे माता-पिता के साथ कुछ क्षण व्यतीत करें तो माता-पिता अपने जीवन में नई उर्जा का प्रवाह महसूस करेंगे. आज के बदलते दौर में बढता अकेलापन ही चिकित्सालयों की अन्धाधुन्ध कमाई का मुख्य कारण बन गया है. इसके बारे में हमें गंभीरता से सोचना चाहिए.

इस तरह की भावनात्मक चर्चा के दौरान कुछ बच्चे भी बेहद भावुक हो गए और उनकी आखों से आंसू गिरने लगे. कई बच्चों ने तो उनके समक्ष अपनी गलती का एहसास किया. उन्होंने आश्वस्त किया कि वे आज के बाद अपने माता-पिता की हर बात मानेंगे.

रितु गोयल कहती हैं कि बच्चे उदाहरण के माध्यम से किसी गूढ़ विषय को भी आसानी से समझते हैं. उन्हें ऐसा लगता है कि जल्दी ही भारत भूमि विश्व गुरु बनने ओर अग्रसर होती नजर आएगी. रितु गोयल का कहना है कि नैतिक मूल्यों के प्रति समाज की भावी पीढ़ी को सजग करने का उनका यह प्रयास निरंतर जारी रहेगा .

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